हाइलाइट्स
झारखंड सरकार ने राज्य में 56 कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया है.
सीएम हेमंत सोरेन ने आदेश दिया कि इन कैदियों को आगे भी निगरानी में रखा जाए और उनका पुनर्वास किया जाए.
रांची. झारखंड सरकार ने राज्य की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 56 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है. सरकार ने कुल 109 मामलों की समीक्षा के बाद बुधवार को 56 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘‘राज्य की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 56 कैदियों को रिहा किया जाएगा. समीक्षा के दौरान अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों, जेल अधीक्षकों और जिला परिवीक्षा अधिकारियों की राय ली गई.’
बोर्ड की 30वीं बैठक में सोरेन ने रिहा किए जाने वाले कैदियों की लगातार निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उनके उचित पुनर्वास की दिशा में काम करने और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि वे मुख्यधारा में बने रहें. बयान में कहा गया है कि बैठक में मुख्यमंत्री सोरेन को बताया गया कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड की 29वीं बैठक तक 1831 कैदियों को रिहा किया जा चुका है.
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ईडी कर रही सीएम के करप्शन की जांच
बीते दिनों करप्शन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपनी कार्यवाही को तेज किया. ऐसे में इस तरह की खबरें भी सामने आने लगी कि सीएम सोरेन को किसी भी वक्त ईडी गिरफ्तार कर सकती है. ऐसे में राज्य में गठबंधन की सरकार पर नेतृत्व संकट गहरात हुआ नजर आया. हाल ही में सीएम हेमंत सोरेन के घर पर गठबंधन के विधायकों की बैठक हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया कि वो ईडी के सामने नहीं झुकेंगे और उनके डर से अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 23:34 IST


