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अंतरिक्ष में मजे से घूमकर धरती पर लौटे चार एस्ट्रोनॉट्स, एलन मस्क ने तो इतिहास रच दिया


SpaceX Polaris Dawn Mission: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। यह पहला निजी अंतरिक्ष मिशन था, जिसने सफलता हासिल की है। चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गया इस कंपनी के पोलारिस डॉन क्रू ने सफल वापसी की है।

अंतरिक्ष में मजे से घूमकर धरती पर लौटे चार एस्ट्रोनॉट्स, एलन मस्क ने तो इतिहास रच दिया
Deepak लाइव हिन्दुस्तान, फ्लोरिडाSun, 15 Sep 2024 09:41 AM
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SpaceX Polaris Dawn Mission: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने अंतरिक्ष में इतिहास रच दिया है। यह पहला निजी अंतरिक्ष मिशन था, जिसने सफलता हासिल की है। चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गया इस कंपनी के पोलारिस डॉन क्रू ने सफल वापसी की है। शनिवार दोपहर करीब एक बजे इसने फ्लोरिडा के टोर्टुगास कोस्ट पर लैंडिंग की। इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। पांच दिन का यह मिशन 10 सितंबर को लांच हुआ था। इस अभियान के दौरान दो अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेसवॉक भी की।

इस अभियान का नेतृत्व फिनटेक अरबपति जेरेड इसाकमैन कर रहे थे। उनके अलावा, किड पोटेट, सारा गिलिस और अन्ना मेनन भी स्पेसशिप में सवार थे। इन सभी ने कैनेडी स्पेस सेंटर से अपनी यात्रा शुरू की थी। इन्हें स्पेसक्राफ्ट को मस्क की कंपनी के फाल्कन-9 रॉकेट को लांच किया गया था। इनकी यात्रा इसलिए भी खतरनाक थी क्योंकि यह उस जगह तक गए थे जहां, पिछले 50 साल में कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं गया था। यह लोग ऑर्बिट में 1408.1 किमी दूरी तक गए थे। यह दूरी अंतरक्षि में स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भी अधिक गहराई में स्थित है।

गुरुवार को उनका अंतरिक्ष यान 434 मील तक नीचे लाया गया। यहां पर मिशन कमांडर इसाकमैन ने हैच को खोला और स्पेसवॉक किया। उन्होंने कैलिफोर्निया के हाथोर्न स्थित मिशन कंट्रोल को दिए अपने संदेश में कहा, ‘स्पेसएक्स, घर पर वापस हम सभी के पास बहुत काम है, लेकिन यहां से, धरती निश्चित रूप से एक आदर्श दुनिया की तरह दिखती है।’ इसके बाद टीम ने जमकर सेलिब्रेट किया। वह कुछ मिनटों के बाद वापस अंदर चले गए और दूसरी अंतरिक्ष यात्री, स्पेसएक्स इंजीनियर सारा गिलिस बाहर आईं और उन्होंने अंतरिक्ष में चहलकदमी की।

वापसी रही चैलेंजिंग
इस मिशन का सबसे बड़ा चैलेंज था इसकी वापसी। स्पेसक्राफ्ट ने धरती के वायुमंडल में जब प्रवेश किया तो उसकी रफ्तार करीब 27000 किमी प्रति घंटे थी। हवा से टकराहट के बाद तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था। हालांकि स्पेसक्राफ्ट के नीचे लगी चार मीटर चौड़ी हीटशील्ड ने इसको बचाए रखा। नीचे आने के साथ इसकी रफ्तार पर काबू पाया गया। आखिर में पैराशूट खोले गए और पानी में लैंड कराया गया। एस्ट्रोनॉट्स को बाहर निकालने से पहले बचाव दल ने परीक्षण किए और उन्हें जमीन पर ले गए।



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