Easy way to get your favorite seat. अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और ट्रेन में सफर के लिए लोअर या अन्य मनपसंद सीट चाहते हैं, तो आपको एक तरीका अपनाना होगा, जिससे मनपसंद सीट मिल सकती है. हालांकि रेलवे में भी सीनियर सिटीजंस या महिलाओं के लिए भी एक नियम है, जिसमें उन्हें लोअर की सीट मिल सकती है. आइए रेलवे अधिकारी से जानें क्या नियम है और किस तरह मनपसंद सीट पायी जा सकती है?
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार बताते हैं कि भारतीय रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों और 45 वर्ष से अधिक महिलाओं को सफर में परेशानी न हो, इसका खास ध्यान रखा जाता है. हर कोच में सीनियर सिटीजन और महिलाओं के लिए सीट रिजर्व होती हैं. अगर रिजर्वेशन के समय नीचे की सीटें खाली हुईं तो वही सीटें कंप्यूटर स्वत: ही रिजर्व करता है.
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वो बताते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वाली महिला यात्रियों या फिर गर्भवती महिलाओं के लिए स्लीपर, एसी थर्ड, सेकेंड और फर्स्ट सभी क्लास में अलग-अलग संख्या में सीटें रिजर्व रहती हैं.
इसके तहत स्लीपर क्लास में प्रति कोच में छह से सात लोअर बर्थ, थर्ड एसी में प्रति कोच में पांच से छह निचली बर्थ, सेकेंड एसी में प्रति सवारी डिब्बे में तीन से चार निचली बर्थ (ट्रेन के उस क्लास के कोच की संख्या के आधार पर) रिजर्व कोटा चिह्नित है. इसी के अनुसार लोअर सीट दी जाती हैं.
इसलिए नहीं मिल पाती लोअर सीट
जब पैसेंजर रिजवे्रशन करा रहा हो और उस समय आरक्षित सीटें सभी फुल हो चुकी हों. ऐसे में जो सीटें उपलब्ध होंगी, यात्री को वही मिलेंगी. यही वजह है कि कई बार उम्रदराज लोगों को ऊपर सीट मिल जाती है. सीटों का चयन कंप्यूटर ही करता है.
यह तरीका है मनपसंद सीट पाने का
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बताते हैं कि रेलवे में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर सीटें मिलती हैं. इसलिए लोगों को यात्रा का प्लान पहले ही कर लेना चाहिए. जिससे मनपसंद सीटें मिल सकें. ट्रेनों में 120 पहले रिजर्वेशन शुरू हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : January 15, 2024, 20:30 IST