बालाघाट. वारासिवनी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर खापा गांव है. एक विशाख बायोफ्यूल कंपनी के पीछे चारागाह है. यहां पर 14 बकरियों की मौत हो गई. वहीं एक बैल गंभीर रूप से बीमार हो गया. ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी के अपशिष्ट पदार्थ के खाने से बकरियों की मौत हुई है. ऐसे में लोकल 18 की टीम मौके पर पहुंची, देखिए खास रिपोर्ट…
ये है पूरा मामला
दरअसल, 27 दिसंबर की सुबह रेखचंद शेंद्रे मवेशी चराने के लिए चारागाह की ओर गया था. यहां पर मवेशी चराने के बाद उन्हें तालाब में पानी पिलाया. इस दौरान कुछ मवेशी प्लांट के पीछे स्थित चारागाह की ओर आगे बढ़ गईं. ऐसे में यहां पड़ा अपशिष्ट पदार्थ बकरियों और एक बैल ने खा लिया. इसके बाद 14 बकरियां और बैल तड़पने लगे. इसके बाद रेखचंद शेंद्रे ने देखा कि मवेशी तड़प रहे हैं, ऐसे में उसने लोगों को मौके पर बुलाया. वहीं, पशु चिकित्सक के आते तक कई मवेशियों ने दम तोड़ दिया. इसके बाद कुछ को बचाने की कोशिश की गई लेकिन कोई बकरी बच नहीं सकी. 14 बकरियों की मौत हो गई. वहीं, एक बैल भी बीमार हो गया था, जो अब स्वस्थ है.
न केस दर्ज हुआ न पोस्टमार्टम हुआ, ढाई लाख रुपए से समझौता
जब विशाख बायोफ्यूल के एथेनॉल प्लांट के पीछे अपशिष्ट पदार्थ खाने से बकरियों की मौत का मामला सामने आया, तब पशु मालिक न तो किसी प्रकार की एफआईआर दर्ज की न ही मृत बकरियों के शव का पोस्टमार्टम हुआ. ऐसे में बकरियों के मौत का क्या कारण था यह स्पष्ट रूप से सामने नहीं आ सका. लेकिन पशु मालिक की पत्नी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कि कंपनी ने एफआईआर दर्ज न करने के लिए कहा साथ ही पशुओं के नुकसान की भरपाई के लिए ढाई लाख रुपए दिए गए. इसके बाद से मामला पूरी तरह शांत हो गया.
वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले के बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे और कचरा समेटने लगे. इसके वीडियों और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है.
इस मामले में गांव वाले बोलने से बचते नजर आए
एक पशु मालिक से हमने मामले के बारे में बात करनी चाही तो वह बात करने से कतराते हुए नजर आए. इसके अलावा एक चरवाहे ने कैमरे को देखकर घर का दरवाजा बंद कर दिया.
6 माह पहले भी वन्य प्राणी मारे गए
खापा के रहने वाले आयोग बिसेन बताया कि यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले प्लांट के पीछे इस तरह के मामले हुए है. लेकिन इस पर कोई बवाल नहीं हुआ. दरअसल, 6 माह पहले दो हिरण भी इसी प्लांट के पीछे मृत मिली थी. इसके बाद कंपनी ने यहां पर कचरा फेंकना बंद कर दिया था. लेकिन बाद में फिर से अपशिष्ट पदार्थ फेंके जाने लगे.
ग्रामीण बोले- अभी सिर्फ पशु मरे हैं अब इंसान मरेंगे
ग्रामीणों ने लोकल 18 को बताया कि इस एथेनाल प्लांट से भयंकर बदबू आती है. ऐसे में घरों में रहना मुश्किल हो जाता है. इससे हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है. ग्रामीणों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ पशु मरे है अब इंसान भी मरेंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 23:35 IST