ISRO Aditya-L1 Mission: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए देश का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन ‘आदित्य एल1’ यान अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंच गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके साथ ही भारत ने एक और शानदार उपलब्धि हासिल कर ली. यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (एल 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया गया है.
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत का पहला सौर अनुसंधान उपग्रह आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया. यह सबसे जटिल और कठिन अंतरिक्ष मिशनों में से एक को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है.” उन्होंने कहा, “मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ हूं. हम मानवता की भलाई के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को पार करते रहेंगे.”
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा था कि आदित्य एल-1 शनिवार को अपराह्न चार बजे एल1 प्वॉइंट पर पहुंचेगा. एल1 प्वॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है और इस स्थान से सूर्य की दूरी भी 15 लाख किलोमीटर ही है. आदित्य एल1 उपग्रह को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पिछले वर्ष 2 सितंबर को प्रक्षेपित किया गया था.
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
मालूम हो कि आदित्य एल1 यान सूर्य के सबसे करीब जाकर इसका अध्ययन करेगा और हमें महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराएगा. ‘एल1’ प्वॉइंट के आसपास के क्षेत्र को हेलो प्वॉइंट कहा जाता है.
केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसरो की कामयाबी पर उसे बधाई दी. उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत के लिए यह साल शानदार रहा. पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, टीम ISRO द्वारा लिखी गई एक और सफलता की कहानी. सूर्य-पृथ्वी कनेक्शन के रहस्यों की खोज के लिए आदित्य एल1 अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है.”
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 16:35 IST