Thursday, June 19, 2025
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आप भी हर वक्त चबाते रहते हैं नाखून, दांतों में हो सकता है इंफेक्शन, ऐसे मिनटों में पाएं छुटकारा


हाइलाइट्स

हर वक्त नाखून चबाने से हमारी ओरल हेल्थ बर्बाद हो सकती है.
नाखूनों के जरिए कई बैक्टीरिया और वायरस मुंह में पहुंच सकते हैं.

Nail Biting Side Effects: नाखून चबाने की आदत बचपन में शुरू हो जाती है और कई लोग वयस्क होने के बावजूद नेट बाइटिंग की आदत छोड़ नहीं पाते हैं. बार-बार नाखून चबाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. नाखून चबाने से हमारी ओरल हेल्थ खराब हो सकती है और कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. नाखूनों को चबाने से हमारी उंगलियों के टिश्यूज को नुकसान होता है. इससे दांतों की शेप बिगड़ सकती है और दांतों के बीच गैप बढ़ सकता है. बार-बार नाखून चबाने से भी आप कई तरह के संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं, क्योंकि इससे कई हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस आपके मुंह तक पहुंच जाते हैं. नाखून चबाने की कई वजह हो सकती हैं. कई लोग स्ट्रेस, एंजाइटी या साइकोलॉजिकल कारणों से नेल बाइटिंग करते हैं. कई लोगों की यह आदत बन जाती है.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार नेल बाइटिंग की आदत को बदलने के लिए आपको हमेशा अपने नाखूनों को छोटा रखना चाहिए. जब आपके नाखून छोटे होंगे, तो आपको चबाने की आदत से राहत मिलेगी. अगर हर कोशिश के बावजूद आपकी नेल बाइटिंग की आदत नहीं जा रही है, तो आप नाखूनों पर नेल पॉलिश लगा सकते हैं. इससे जब भी आप नाखून चबाएंगे, तब नेल पॉलिश का अजीबोगरीब स्वाद महसूस होगा और आप इस आदत से बच सकेंगे. आप अपने नेल्स को ग्लव्स पहनकर ढक सकते हैं, जिससे नेल बाइटिंग से बचा जा सकेगा. इसके अलावा आप खाली समय में अपने हाथ में रूबिक्स क्यूब या कोई अन्य गेम वाली चीज पकड़ सकते हैं. इससे आपके हाथ बिजी रहेंगे और नाखून चबाने की आदत छूट जाएगी.

अगर नाखून चबाने की समस्या बहुत ज्यादा है, तो आप सबसे पहले इसके कारणों का पता लगाएं. कई बार लोग स्ट्रेस या एंजाइटी की वजह से नेट बाइटिंग करने लगते हैं, तो कई बार बोर होने पर ऐसा करने लगते हैं. इन चीजों पर गौर करके आप नेल बाइटिंग को अवॉइड कर सकते हैं. इसके लिए आप डॉक्टर या किसी अन्य हेल्थ एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) का सहारा ले सकते हैं. इससे आपको काफी हद तक राहत मिल सकती है. इसे एक तरह की फिजियोथेरेपी भी माना जाता है. अगर छोटे बच्चों में नेल बाइटिंग की आदत है, तो पेरेंट्स को इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए और धीरे-धीरे आदत बदलने की कोशिश करनी चाहिए.

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Tags: Health, Lifestyle



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