Sunday, June 29, 2025
Google search engine
Homeहेल्थआयुर्वेद में संजीवनी बूटी है ये पेड़... जड़, पत्ती, छाल कई रोगों...

आयुर्वेद में संजीवनी बूटी है ये पेड़… जड़, पत्ती, छाल कई रोगों के लिए रामबाण! जानें इस्तेमाल


अर्पित बड़कुल/दमोह. वट वृक्ष को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है. इसे आयुर्वेद में संजीवनी बूटी कहा गया है. सर्वाधिक मात्रा में पाए जाने वाले पुराने बरगद पेड़ की जड़ें हवाओं में लहराती रहती हैं. इन जड़ों में पोषक तत्व से लेकर ढेर सारे विटामिन पाए जाते हैं. इस जड़ का चूर्ण गाय के ताजे दूध में मिलाकर पीने से पेशाब में होने वाली जलन से राहत मिलती है.

वात दोष के लिए लाभकारी
बरगद के पेड़ मंदिरो में बहुतायत होते हैं. आयुर्वेद में बरगद के पेड़ का इस्तेमाल कई रोगों और संक्रमण के इलाज में किया जाता है. इस पेड़ का बीज बहुत छोटा होता है. लेकिन, इसका वृक्ष विशाल होता है. यह पौधा फाइकस के परिवार से संबंधित है. इसकी हरी पत्तियां अंडाकार होती हैं. इन पेड़ों की उम्र 250 साल से ज्यादा भी हो सकती है.

कई रोगों को लिए रामबाण
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. दीप्ति नामदेव के अनुसार, वट वृक्ष की हवा में लटकी जड़ें शीघ्रपतन से छुटकारा दिलाती हैं. इतना ही नहीं, इसकी छाल मधुमेह के इलाज मे कारगर है. जोड़ों के दर्द से लेकर शरीर की सूजन से राहत दिलाने में इस वट वृक्ष की पत्तियों का तेल रामबाण माना गया है. गठियावाद के दर्द में इस बरगद के पेड़ के दूध से मालिश करने में राहत मिलती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि सलाह हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.

Tags: Damoh News, Health tips, Local18



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments