गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 88 फिलिस्तीनियों के शवों से भरे एक कंटेनर को लेने से इनकार कर दिया है। इजरायल ने लाशों से भरे इस कंटेनर को गाजा भेजा था। बताया जा रहा है कि इसे इजरायल द्वारा बिना किसी पूर्व समन्वय और पहचान की जानकारी के भेजा गया था। बुधवार को टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर जारी एक बयान में गाजा के मंत्रालय ने कहा कि शवों को लेने की प्रक्रिया को तब तक निलंबित किया गया है जब तक इजरायल मृतकों के नाम, मौत का समय और वे कहां से लाए गए, इसकी पूरी जानकारी प्रदान नहीं करता।
मंत्रालय ने कहा कि “इन लोगों और उनके परिवारों को कम से कम इतना जानने का अधिकार तो है।” गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने एक अलग बयान में इन शवों को भेजने को “अमानवीय और आपराधिक कदम” बताया। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, शवों की पहचान संभव नहीं हो पा रही है क्योंकि वे अधिकांशतः सड़ चुके हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, “ऐसे संकेत हैं कि ये शव लंबे समय से इजरायल में थे।” फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली सेना ने जानबूझकर इन फिलिस्तीनियों की पहचान छिपाई है। इनके नाम, लिंग और वे गाजा पट्टी से कहां से अगवा किए गए, इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इनकी अगवा करने की परिस्थितियां भी अस्पष्ट हैं।
इस बीच, फिलिस्तीनी प्रशासन ने बुधवार को कहा कि इजरायल के हमलों में पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी में 53 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। एक व्यक्ति को बुधवार रात उत्तरी गाजा के बीत लहिया में एक घर पर हमला होने के बाद मारा गया, और नुसैरात शरणार्थी शिविर में एक इजरायली हवाई हमले में एक तंबू पर हमला होने से अल-अजला परिवार के दो सदस्य मारे गए। इस परिवार ने अगस्त में अपने 11 रिश्तेदारों को खो दिया था। बता दें कि इजरायल की गाजा में फिलिस्तीनी हमास के खिलाफ लड़ाई जारी है और वह सात अक्टूबर के हमले में बंधक बनाए गए कई बंधकों की वापसी की कोशिश कर रहा है।