पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर किए हमले के बाद से इजरायल की अर्थव्यस्था ढ़लान पर है। युद्ध के 11 महीने बाद हालात यह है कि इजरायल में हर व्यवसाय विफल है, होटल खाली पड़े हुए हैं, हाइफा के मशहूर बाजार वीरान है। लगातार होते हमलों के कारण लोग अपने घरों से बहुत कम ही बाहर निकलते हैं, जिससे व्यापारियों को अच्छा-खासा नुकसान हो रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह कहकर लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की थी कि यह आर्थिक हानि केवल अस्थाई है हम जल्दी ही युद्ध जीतकर वापस से अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ले आएंगे। लेकिन पहले हमास फिर ईरान और अब हिजबुल्लाह के हमलों के कारण इजरायल के लोगों का गुस्सा सरकार पर फूटने लगा है। इन युद्धों और हमलों ने इजरायल के छोटे व्यापारियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति नाजुक, जल्द से जल्द हो युद्ध विराम- एक्सपर्ट
इजरायल की नाजुक अर्थव्यवस्था पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कार्निट फ्लग ने कहा कि इस समय युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। यह लड़ाई कितने समय तक चलेगी और हमें कितने मोर्चों पर युद्ध करना होगा यह अभी कुछ पता नहीं है। युद्ध कितने भयंकर हो सकते हैं वह हम सभी जानते हैं। इस समय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का एक ही रास्ता है और वह है युद्ध विराम लेकिन वह कब होगा किसी को नहीं पता।
एपी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, गाजा से लड़ाई और लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकवादियों के द्वारा किए गए रोज नए हमलों के कारण इजरायल में भारी मात्रा में पलायन हुआ है। लोग अपनी आजीविका को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर आ गए हैं, जिसके कारण लाखों लोग बेघर हो गए और उन्हें बड़े पैमाने पर नुकसान भी हुआ। हालांकि इजरायल के लिए यह युद्धों के कारण अर्थव्यवस्था का ढ़लान पर चले जाना नया नहीं है वह पहले भी ऐसी स्थिति का सामना कर चुका है।
युद्ध के कारण पर्यटन को नुकसान, व्यापार भी लगभग समाप्त
ईरान में हमास लीडर को मारने के बाद दुनियाभर के इस्लामिक देशों ने इजरायल खिलाफ अपने तीखे तेवरों को और ज्यादा तीखा कर लिया। ईरान ने इजरायल से इसका बदला लेने की कसम खाई तो उसकी सरपरस्ती में पनपने वाले आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह भी लगातार इजरायल पर हमला कर रहा है। इन सबके कारण अपने मशहूर एयर डिफेंस प्रणाली के बावजूद भी इजरायल में हर जगह बमबारी का खतरा बना ही रहता है। युद्ध की शुरुआत के बाद से ही इजरायल में पर्यटकों की मात्रा बहुत कम हो गई है, जिससे टूरिज्म सेक्टर घुटनों पर आ गया है।
एपी से बात करते हुए एक इजरायली टूरिस्ट गाइड ने कहा कि हमें जल्द से जल्द युद्ध खत्म करना होगा, मेरा पूरा परिवार पिछले सात महीनों से बचाए हुए पैसों से अपना गुजारा कर रहा है। हमें कई महीनों से कोई काम नहीं मिला है। अगर साल के अंत तक यह युद्ध खत्म नहीं होता तो फिर हमें नहीं पता की हम खाना कैसे खाएंगे। एक और दुकानदार ने बताया कि यहां हालात कोविड के दौर से भी बुरे हैं हम लगातार अपनी जीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भोजन पानी के लिए एकमात्र साधन सरकार से मिलने वाली सहायता है वह भी युद्ध शुरू होने के बाद से आधी कर दी गई है।
यही हाल इजरायल के व्यापारिक बंदरगाहों के हैं। स्वेज नहर ने निकलने वाले जहाजों पर हैती विद्रोहियों ने हमला करना शुरू कर दिया है और जो जहाज इजरायल में रुकता है उस पर वह जानबूझकर हमला करने की कोशिश करते हैं, जिसके कारण जहाजों ने इसरायल में रुकना कम कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि हाइफा पोर्ट पर पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत कम जहाज डॉक हुए हैं इससे हमारी आमदनी पर काफी विपरीत असर पड़ा है।