रोहित भट्ट/ अल्मोड़ा. आज कल के दौर में ज्यादातर लोग खराब जीवनशैली के चलते किसी न किसी रोग से पीड़ित हैं, जिस वजह से वे अस्पतालों के चक्कर लगाते हैं. वैसे तो, हमारे शरीर के सभी अंग महत्वपूर्ण हैं, पर सबसे ज्यादा ध्यान आंखों का रखना चाहिए. अगर आंखों में कुछ भी समस्या हो तो, हम लाचार हो जाते हैं. अधिकतर लोग अपनी आंखों का ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस कारण से मोतियाबिंद जैसी शिकायत होने लगती है. उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के लोगों में अब मोतियाबिंद के लक्षण ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार पहाड़ों में सफेद मोतियाबिंद लगातार बढ़ रहा है. अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. एस दास गुप्ता ने इसको लेकर जानकारी साझा की.
लोकल 18 से बातचीत करते हुए डॉ. गुप्ता ने कहा कि वह करीब 3 साल से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग एचओडी के तौर पर कार्यरत हैं. पहाड़ के लोगों में सफेद मोतियाबिंद लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इसका कारण वह मानते हैं कि पौष्टिक आहार न लेना, बिना डॉक्टर की सलाह से लोग मेडिकल स्टोर से स्टेरॉयड जैसी दवा लेना है. इसके अलावा कई लोगों में डायबिटीज की दिक्कत के कारण भी मोतियाबिंद बढ़ता है.
शराब और सिगरेट भी कारण
डॉ. गुप्ता ने कहा कि कई लोग शराब और सिगरेट का ज्यादा सेवन करते हैं, तो उनमें भी सफेद मोतियाबिंद के लक्षण बढ़ने की आशंका रहती है. इस बीमारी में हमारी आंखों के लेंस पर असर पड़ता है और हमें सफेद मोतियाबिंद होने लगता है. उन्होंने कहा कि 40 की उम्र के बाद के लोगों में सफेद मोतियाबिंद के लक्षण दिखाई देते हैं, पर आज के समय में 40 से कम उम्र के लोगों में भी सफेद मोतियाबिंद देखने को मिल रहा है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 13:20 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.