Monday, July 7, 2025
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इस देश में पड़ गया ऐसा अकाल, पेट भरने के लिए हाथी, जीब्रा मारने का आदेश


दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया में इस कदर अकाल पड़ा है कि अनाज के लाले पड़ गए हैं। नामीबिया में पिछले 100 साल में ऐसा सूखा कभी नहीं पड़ा। इस देश में लोगों के पास अनाज खत्म हो गया है। अनाज के सरकारी गोदाम भी खाली हो गए। ऐसे में सरकार ने हाथी, जीब्रा और दरियाई घोड़ा समेत 700 जानवरों को मारने का आदेश दे दिया है। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र ने बताया था कि नामीबिया की आधी आबादी भुखमरी से जूझ रही है।

नामीबिया के पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को ऐलान कर दिया कि 723 जानवरों को मारकर उनके मांस को सूखा प्रभावित इलकों में बंटवाया जाएगा। अनाज की कमी की वजह से सूखा प्रभावित इलाको में भी राहत के लिए मांस ही बंटवाना पड़ रहा है। मंत्रालय ने कहा कि मारे जाने वाले जानवरों में 30 हिप्पो, 60 भैंसें, 50 इंपाला, 100 ब्लू वाइल्डरबीस्ट, 300 जीब्रा, 83 हाथी और 100 अन्य जानवर शामिल हैं।

प्रोफेशनल शिकारी ही सफारी में जाकर इन जानवरों का शिकार करेंगे। मांगेतीमें अब तक 157 जानवरों का शइकार किया गया है। वहीं महांगो नेशनल पार्क में 20, क्वांदो में 70, बुफालो में 6, मुदुमो में 9 जानवरों का शिकार किया गया है। अल-नीनो की वजह से सूखे से दक्षिणी अफ्रीका के 6.8 करोड़ लोग प्रभालित हैं। 2024 की शुरुआत में ही सूखे का प्रभाव शुरू हो गया था। इसके बाद फसलें बर्बात हो गईं और धीरे-धीरे अनाज की कमी हने लगी। सदर्न अफअरीकन डिवेलपमेंट कम्युनिटी के मुताबिक 16 देश सूखा प्रभावित हैं।

जिमबॉब्वे, जांबिया और मलावी पहले ही खाद्य संकट का ऐलान कर चुके हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि अल नीनो की वजह से संकट और भी बढ़ सकता है। नामीबिया की सरकार का कहना है कि जानवरों को मारने से लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया जा सकेगा। इसके अलावा जंगली जानवरों पर भी उनकी संख्या कम होने से सूखे का प्रभाव कम पड़ेगा। कई जगहों पर पानी के लिए जानवर एक दूसरे को मारने पर तुले हैं।

जानकारों का कहना है कि अगर जानवरों को संसाधन नहीं मिले तो वे मानव बस्तियों में घुसकर लोगों को नुकसान पहुंचाने लगेंगे। उन्होंने कहा कि सूखे से निपटने के लिए हाथियों की संख्या कम करने की जरूरत है। वहीं सूके की स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र को भी मदद के लिए उतरना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया ने भी सूखे से निपटने के लिए कंगारुओं को मारने की अनुमति दी थी।

कलिंग की प्रक्रिया में उन जानवरों को मारा जाता है जो पहले से ही कमजोर हैं। इसके लिए पेशेवर शिकारियों को ठेका दे दिया जाता है। इससे जो मांस सरकार को मिलता है वह भुखमरी से निपटने के लिए उपयोग में लाती है। अफ्रीका के कई देशों में हाथियों की संख्या बहुत है। वहीं नामीबिया में लोगों की आबादी करीब 23 लाख है। यहां लोग शिकार और खेती पर ही निर्भर रहते हैं। समय पर बारिश ना होने से यहां खाद्य संकट अकसर पैदा हो जाता है।



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