Sunday, February 23, 2025
Google search engine
Homeविश्वईरान और इजरायल में क्यों है भयानक दुश्मनी, कौन है बड़ा और...

ईरान और इजरायल में क्यों है भयानक दुश्मनी, कौन है बड़ा और छोटा शैतान


इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान ने ऐसा कर बड़ी गलती कर दी है और ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके बाद से इस बात का अंदेशा बढ़ गया है कि क्षेत्र में दोनों दुश्मनों के बीच नई जंग छिड़ सकती है।

ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें दागकर मिडिल-ईस्ट में तनाव को और भड़का दिया है। इस साल यह ईरान का इजरायल पर दूसरा भीषण हमला है। इससे पहले अप्रैल में ईरान ने इजरायल पर 300 मिसाइलें दागी थीं लेकिन उसके बाद फिर दोनों देशों के बीच वार-पलटवार का सिलसिला आगे नहीं बढ़ सका। एक बार फिर से ईरान ने इजरायल पर हमला कर इजरायल को उकसा दिया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि ईरान ने ऐसा कर बड़ी गलती कर दी है और ईरान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके बाद से इस बात का अंदेशा बढ़ गया है कि क्षेत्र में दोनों दुश्मनों के बीच नई जंग छिड़ सकती है।

इन दोनों देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता और दुश्मनी सालों पुरानी है। हालांकि, इसकी तीव्रता घटती-बढ़ती रहती है। इन दोनों की दुश्मनी मिडिल-ईस्ट में अशांति की बड़ी वजह मानी जाती है। बड़ी बात ये है कि ये दोनों मुल्क कभी पक्के दोस्त हुआ करते थे लेकिन इनके बीच अब दुश्मनी की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि ईपरान इजरायल को छोटा शैतान और उसके सहयोगी अमेरिका को बड़ा शैतान कहता है। ईरान तो यहां तक कहता है कि इजरायल का वजूद ही खत्म कर दिया जाना चाहिए, जबकि 1948 में स्वतंत्र देश बनने के बाद ईरान ऐसा दूसरा मुस्लिम मुल्क था, जिसने उसे मान्यता दी थी।

दरअसल, इजरायल का यह मानना है कि ईरान हमास, हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों को पैसा, हथियार और युद्ध की ट्रेनिंग देता है और इनके सहयोग से उसके खिलाफ छद्म युद्ध लड़ रहा है। इजरायल का आरोप है कि ईरान इन तीनों (हमास, हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों) को उसके खिलाफ भड़काता रहता है और यहूदियों के खिलाफ जंग लड़ता रहता है। इजरायल का आरोप यह भी है कि ईरान के सुप्रीम कमांडर अयातुल्लाह खामनेई यहूदी विरोधी संगठनों को इजरायल के खिलाफ भड़काते हैं, जिसकी वजह से इजरायल को हमेशा संघर्ष करने पड़ते हैं। इसमें कई यहूदियों की मौत हो चुकी है। ईरान पर यह भी आरोप है कि वह चाहता है कि मिडिल ईस्ट से अमेरिका चला जाय, जो इजरायल और जॉर्डन का बड़ा सहयोगी बना हुआ है।

बता दें कि ईरान और इजरायल की सीमाएं मिलती नहीं हैं, उनके बीच कोई सीमा संघर्ष या कोई अन्य युद्ध नहीं हुआ है और एक दूसरे पर कोई क्षेत्रीय दावा भी नहीं है, बावजूद इसके दोनों देश कट्टर दुश्मन हैं। दरअसल, इजरायल के संस्थापक और पहली सरकार के मुखिया डेविड बेन गुरियन ने अपने अरब पड़ोसियों को साधने के लिए ईरान से तब दोस्ती कर ली थी, ताकि नए यहूदी देश को लेकर कोई कुछ बोल न सके लेकिन 1979 में ईरान में कट्टर अयातुल्लाह खामनेई की क्रांति ने शाह का शासन उखाड़ फेंका और वहां एक इस्लामी गणतंत्र की स्थापना की।

ये भी पढ़े:मिडिल ईस्ट में ईरान ने दागी मिसाइलें, दिल्ली में इजराइल ऐंबेसी की बढ़ी सुरक्षा
ये भी पढ़े:वेस्ट एशिया में हैं 90 लाख इंडियन; ईरान और इजरायल में तनाव पर भारत ने जताई चिंता
ये भी पढ़े:‘ईरान ने भयानक गलती कर दी, अब इजरायल के पास मध्य पूर्व की तस्वीर बदलने का मौका’
ये भी पढ़े:खून के प्यासे ईरान-इजरायल कभी थे एकजुट, इस दुश्मन को हराने के लिए मिलाया था हाथ

खामनेई ने खुद को ईरान का रक्षक करार दिया, इजरायल से अपना संबंध तोड़ लिया और पूरे ईरान में अमेरिका और इजरायल के प्रति नफरत के बीज बोने शुरू कर दिए, जिसका चरम रूप आज देखने को मिल रहा है। खामनेई के नेतृत्व में ईरान फिलिस्तीन का समर्थक बन गया और तेहरान में इजरायली दूतावास को जब्त कर फिलिस्तीन लिबरेशन आर्मी को सौंप दिया। इस तरह ईरान और इजरायल के बीच दोस्ती दुश्मनी में बदल गई।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments