इजरायल इस वक्त ना सिर्फ हमास, हिज्बुल्लाह और ईरान के साथ जंग लड़ रहा है बल्कि वह कुल सात मोर्चों पर युद्ध का सामना कर रहा है। इस तरह इजरायली सेना अलग-अलग मोर्चों पर अलग-अलग दुश्मनों से लोहा ले रही है।
ईरान के मिसाइल हमले के बाद आशंका जताई जा रही है कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बोल सकता है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका देश किसी भी सूरत में इजरायल द्वारा ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले का साथ नहीं देगा। इस बीच जी-7 देशों ने भी आपात बैठक की है और ईरान-इजरायल के बीच खुले जंग के मोर्चे पर चिंता जताई है और युद्ध आगे न भड़के इस पर चर्चा की है।
दरअसल, इजरायल इस वक्त ना सिर्फ हमास, हिज्बुल्लाह और ईरान के साथ जंग लड़ रहा है बल्कि वह कुल सात मोर्चों पर युद्ध का सामना कर रहा है। इस तरह इजरायली सेना अलग-अलग मोर्चों पर अलग-अलग दुश्मनों से लोहा ले रही है। इस जंग की शुरुआत पिछले साल हमास के हमलों के साथ हुई थी, जिसमें 1200 इजरायलियों की जान चली गई थी। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। एक साल के अंदर इजरायल ने गाजा में व्यापक पैमाने पर तबाही मचाई है।
इसी दौरान लेबनान के आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह के लड़ाके रह-रहकर इजरायल पर हमले करते रहे हैं। पिछले दो हफ्ते से इजरायल ने हिज्बुल्लाह को अपना टारगेट बना रखा है। उसके चीफ समेत कई कमांडर को ढेर किया जा चुका है। इजरायल ने अब लेबनान में ग्राउंड ऑपरेशन शुरू कर दिया है और सीमा से करीब 40 किलोमीटर अंदर तक इजरायली फौज घुस चुकी है। इस दौरान हिज्बुल्लाह ने आठ इजरायली जवानों को मार डाला है और IDF को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। मारे गए सभी इजरायली सैनिक 21 से 23 साल की उम्र के हैं।
हिज्बुल्लाह के अलावा यमन के हूती विद्रोही भी इजरायल पर रॉकेट और मिसाइल दागते रहे हैं। इजरायली फौज उस मोर्चे पर भी जंग लड़ रही है। इन दोनों आतंकी संगठनों को ईरान पैसा, हथियार और प्रशिक्षण देता रहा है और मिडिल-ईस्ट में उसके जरिए छद्म युद्ध लड़ता रहा है। अब इन दोनों देशों के बीच पांच महीने बाद दोबारा जंग के आसार बने हैं। ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें दाग दीं, जिसके बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। उधर, ईरान ने भी कहा है कि अगर इजरायल ने पलटवार किया तो उसका अंजाम बुरा होगा।
इसके अलावा अन्य मोर्चों पर भी इजरायल जंग लड़ रहा है। इसमें सीरिया, इराक और वेस्ट बैंक भी शामिल हैं। सीरिया और इराक के कट्टरपंथी आतंकवादी भी इजरायल को निशाना बना रहे हैं, जबकि वेस्ट बैंक के फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) नामक संगठन ने भी इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। यह एक सुन्नी इस्लामी आतंकवादी समूह है जो एक इस्लामी फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना करना चाहता है और इजरायल के विनाश के लिए प्रतिबद्ध है। यह गाजा पट्टी और पश्चिमी तट में दूसरा सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है, जिसकी स्थापना 1979 में मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड की एक शाखा के रूप में हुई थी। कुल मिलाकर देखें तो यहूदी देश इजरायल इस वक्त सात मोर्चों पर सात दुश्मनों के साथ दो-दो हाथ कर रहा है और ये सभी दुश्मन इस्लामिक हैं।