Sunday, June 29, 2025
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कई बार इजरायल की फजीहत भी करा चुका मोसाद, कब-कब नाकाम हुए ऑपरेशन


हिजबु्ल्लाह पर जिस अंदाज में इजरायल ने पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक किया। उसने एक बार फिर खुफिया एजेंसी मोसाद की ताकत दिखा दी है। मोसाद ने अब तक ऐसे-ऐसे नामुमकिन से टॉस्क कंप्लीट किए हैं, जो सुनने वालों को दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर करा दे। मोसाद के ऑपरेशन से जुड़े कई घटनाक्रम फिल्मों में भी यूज हो चुके हैं। महीनों पहले हमास के पूर्व चीफ इस्माइल हानियेह को मारने के लिए मोसाद ने जो किया, दुनिया चौंक गई। मोसाद ने हानियेह के ईरान आने से दो महीने पहले ही उसके कमरे में बम प्लांट कर दिया था। हानियेह के आते ही धमाका हुआ और दुश्मन ढेर। हालांकि मोसाद हमेशा कामयाब नहीं हुआ है। ऐसे भी कुछ मिशन हैं, जिसमें मोसाद फेल हुआ और इजरायल को फजीहत झेलनी पड़ी। एक नजर उन नाकाम ऑपरेशन्स पर…

हमास का काम-तमाम करने के बाद इजरायल ने अब हिजुल्लाह के खिलाफ पूर्ण युद्ध की घोषणा कर दी है। लेबनान पर हमले तेज हो गए हैं। नतीजन अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा समेत कई देशों ने लेबनान में रह रहे अपने नागरिकों को देश छोड़ने की अपील की है। इन देशों ने अपील की है कि बहुत जल्दी कुछ बड़ा होने वाला है। इसलिए जितना जल्दी हो सकें और फ्लाइट्स जब तक उपलब्ध हैं, देश छोड़ दें। लेबनान पर इजरायल पूरी ताकत से हमला करने में जुट गया है।

इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का लेबनान में हिजबुल्लाह पर हमले का अंदाज दुनिया में खूब चर्चा बटोर रहा है। मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि मोसाद किसी भी हमले के 20 या उससे ज्यादा साल बाद भी इंतेकाम लेने की ताकत रखता है। चाहे, दुश्मन दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न छिपा हो। 1960 में नाज़ी ऑफ़िसर एडॉल्फ़ आइशमन का अर्जेंटीना से अपहरण करना मोसाद की मुख्य सफलताओं में से एक है। आइशमन पर द्वितीय विश्व युद्ध के समय यहूदियों के उत्पीड़न और हत्या के आरोप थे। द्वितीय विश्व युद्ध में नाज़ी जर्मनी ने लगभग 60 लाख यहूदियों का क़त्ल कर दिया था।

मोसाद कब-कब नाकाम हुआ

मोसाद के सफल ऑपरेशनों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन, कुछ नाकाम ऑपरेशन भी हैं, जब इजरायल को फजीहत झेलनी पड़ी थी। मोसाद की सबसे कड़वी यादों में एक ऑपरेशन खालिद मिशाल से जुड़ा था। 1977 को इस ऑपरेशन के दौरान इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने खालिद की हत्या का प्रयास किया। खालिद उस वक्त हमास का चेहरा था और इजरायल के डर से जॉर्डन में रह रहा था। हुआ यूं कि मोसाद के एजेंटों ने खालिद को जहर देकर मारने की कोशिश की। इस हत्या के प्रयास में वो एजेंट पकड़े गए और इजरायल दुनिया के सामने बेनकाब हो गया।

जॉर्डन के राष्ट्रपति को इजरायल से एजेंट सौंपने के एवज पर सौदा किया कि वो खालिद को जहर की एंटी डोज दें दे। इजरायल को मानना पड़ा और खालिद की जान बच गई। मोसाद के तत्कालीन प्रमुख डेनी यातोम को खुद जॉर्डन जाकर खालिद को बचाना पड़ा। इस ऑपरेशन में मोसाद नाकाम रहा और इजरायल को मुस्लिम देशों की निंदा झेलनी पड़ी। जॉर्डन ने भी इजरायल पर उसके देश में घुसकर साजिश रचने का आरोप लगाया।

इसके अलावा 2003 में इजरायल ने गाजा में हमास के टॉप कमांडर अल-जहार को मारने की साजिश रची। मोसाद के पास इनपुट थे कि जहार अपने साथी कमांडरों के साथ घर पर छिपा हुआ है। इजरायल ने हमला किया लेकिन, अटैक में जहार का पूरा परिवार दफन हो गया। हमले में उसकी पत्नी, बेटे सहित कई मासूम मारे गए। इजरायल पर मुस्लिम देशों ने निर्दोषों की हत्या के आरोप लगाए।

7 अक्टूबर की नाकामी

सबसे ताजा घटनाक्रम बीते सात सात अक्टूबर का है। हमास ने गाजा से लगती इजरायली इलाकों पर 5 हजार से अधिक रॉकेट से हमला किया। इसके अलावा शहरों में कत्लेआम में हजारों को मौत के घाट उतार दिया। हमास के आतंकी 251 लोगों को अपहरण कर अपने साथ ले भी गए। हमास के इस हमले को मोसाद और शिन बेट की बड़ी नाकामी के रूप में देखा जाता है। मोसाद को हमास के हमले की भनक तक नहीं लगी। हमास ने महज 20 मिनट के भीतर 5000 रॉकेटों से वर्षा की। इजरायल आज भी इस हमले के प्रतिशोध में हमास के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है। उसने गाजा में बदले के रूप में 40 हजार से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया है और हमला अभी भी जारी है।



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