इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) विश्व की सबसे काबिल और खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक मानी जाती है। यह एजेंसी खासतौर पर इजरायल के दुश्मनों और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए जानी जाती है। हालांकि, सफलता की कहानियों के बीच, मोसाद के इतिहास में कुछ असफलताएं भी दर्ज हैं। ये असफलताएं न केवल एजेंसी के लिए शर्मिंदगी का कारण बनीं, बल्कि इजरायल की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी धक्का पहुंचाया। आइए, मोसाद की पांच सबसे बड़ी नाकामियों पर एक नजर डालते हैं।
1. लिलेहामर हत्याकांड (1973)
1973 में मोसाद ने एक ऑपरेशन के दौरान नॉर्वे के लिलेहामर शहर में एक निर्दोष व्यक्ति अहमद बुचिकी की हत्या कर दी थी। दरअसल, मोसाद को लगा कि वह आदमी आतंकवादी संगठन ब्लैक सितंबर का सदस्य है और म्यूनिख ओलंपिक हमले के लिए जिम्मेदार था। लेकिन यह गलत पहचान साबित हुई, और इस ऑपरेशन में शामिल कई मोसाद एजेंटों को नॉर्वे पुलिस ने पकड़ लिया। इस घटना ने इजरायल और नॉर्वे के संबंधों पर गहरा असर डाला।
2. खलिद मेशाल की हत्या की कोशिश (1997)
मोसाद ने हमास नेता खलिद मेशाल को जॉर्डन में जहर देने की कोशिश की थी। इस असफल ऑपरेशन में मोसाद के एजेंटों को जॉर्डन की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तब के इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जॉर्डन के किंग हुसैन के दबाव में आकर मोसाद के एजेंटों की रिहाई के बदले में जहर का एंटीडोट भेजना पड़ा। इस ऑपरेशन की असफलता ने मोसाद की प्रतिष्ठा पर गहरा प्रभाव डाला।
3. बेरूत में ऑपरेशन असफलता (1983)
1983 में, मोसाद ने लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बड़े ऑपरेशन की योजना बनाई थी, जिसका मकसद फिलिस्तीनी नेता अबू निडाल को खत्म करना था। लेकिन यह मिशन विफल हो गया, और मोसाद को न केवल निडाल को मारने में असफलता मिली, बल्कि इसके कारण कई निर्दोष नागरिकों की भी मौत हो गई। इस असफलता ने इज़रायल की खुफिया सामरिक रणनीति पर सवाल उठाए।
4. दुबई में महमूद अल-मबूह की हत्या (2010)
हमास के वरिष्ठ कमांडर महमूद अल-मबूह की हत्या 2010 में दुबई के एक होटल में की गई थी। हालांकि मोसाद ने इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, लेकिन दुबई की पुलिस ने जल्द ही इस हत्या की जांच के बाद मोसाद के एजेंटों को पहचान लिया। इस ऑपरेशन में फर्जी पासपोर्ट और गलत पहचान का इस्तेमाल किया गया, जो बाद में सार्वजनिक हो गया। इस घटना के बाद इज़रायल को कई देशों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, और मोसाद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे।
5. रॉबर्ट मैक्सवेल की हत्या की अफवाह (1991)
ब्रिटिश मीडिया टायकून रॉबर्ट मैक्सवेल की मौत को लेकर अफवाहें हैं कि मोसाद इसमें शामिल था। 1991 में मैक्सवेल की मौत अटलांटिक महासागर में उनके यॉट से गिरने के बाद हुई थी। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मोसाद ने उन्हें उनके इजरायल के साथ कर्ज को लेकर उनकी जानकारी छिपाने के लिए खत्म किया था। हालांकि, इस मामले में मोसाद की भूमिका को कभी साबित नहीं किया जा सका, लेकिन इस घटना ने एजेंसी की गुप्त और संदिग्ध गतिविधियों पर रोशनी डाली।
मोसाद की असफलताओं से यह स्पष्ट होता है कि भले ही यह एजेंसी दुनिया की सबसे सक्षम खुफिया एजेंसियों में से एक है, लेकिन इसकी विफलताएं भी गंभीर रही हैं। इन असफलताओं ने न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोसाद की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया, बल्कि इजरायल की विदेश नीति और उसकी खुफिया रणनीतियों को भी प्रभावित किया।