Tuesday, March 11, 2025
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कबाड़ी की चमकी ऐसी किस्‍मत, अचानक लाखों में खेलने लगा, कमाई का तरीका जान पुलिस के भी उड़े होश – international mobile theft syndicate scrape trader sudden earn lakhs of rupees delhi police reveal secret


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Delhi News: दिल्‍ली मेट्रो, डीटीसी बस, ऑटो आदि में चोरी गए मोबाइल फोन आखिर जाते कहां हैं? दिल्‍ली पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो चोरी के मोबाइल फोन को ठिकाने लगाने का काम करता था.

कबाड़ी की चमकी ऐसी किस्‍मत, अचानक लाखों में खेलने लगा, कमाई का गजब तरीका

दिल्‍ली पुलिस ने इंटरनेशनल मोबाइल थेफ्ट सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

नई दिल्‍ली. देश की राजधानी दिल्‍ली में रोजना बड़़ी संख्‍या में मोबाइल फोन की चोरी होती है. दिल्‍ली मेट्रो से लेकर DTC बसों और ऑटो तक में आमलोगों के मोबाइल फोन चोरी होते हैं. इनमें से कुछ की रिपोर्ट पुलिस में दी जाती है और बहुत लोग रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराते हैं. ऐसे में हकीकत में मोबाइल फोन चोरी की घटनाएं ज्‍यादा होने का अनुमान रहता है. लेकिन, आपने कभी सोचा है कि इतनी बड़ी तादाद में चोरी हुए मोबाइल फोन कहां जाते हैं? मोबाइल फोन चुराने वाले आखिर इसे कहां ठिकाने लगाते हैं? दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल यूनिट ने इंटरनेशनल मोबाइल थेफ्ट सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस सिंडिकेट में शामिल एक शख्‍स पहले कबाड़ का काम करता था. बाद में इस गिरोह में शामिल होकर चांदी काटने लगा.

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय मोबाइल फोन चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. रैकेट में शामिल एक आरोपी को भी पकड़ने का दावा किया गया है. वह कथित तौर पर 48 हाई-एंड चोरी किए गए मोबाइल फोन लेकर भागने की कोशिश कर रहा था. इन महंगे मोबाइल फोन को बांग्लादेश में बेचने की तैयारी थी. दिल्‍ली पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि आरोपी अब्दुश (24) को करीब 20 लाख रुपये के मोबाइल फोन के साथ उस वक्‍त गिरफ्तार किया गया, जब वह इस खेप को पश्चिम बंगाल ले जाने की कोशिश में जुटा था. डीसीपी (क्राइम) आदित्य गौतम ने कहा, ‘जांच में पता चला है कि संगठित गिरोह दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय है, जो मेट्रो स्टेशनों, बसों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में यात्रियों को निशाना बनाते हैं.’

चार से पांच गुना तक का फायदा
डीसीपी (क्राइम) ने बताया कि चोरी किए गए फोन को जल्दी से दिल्ली से बाहर तस्करी कर ले जाया गया, जिससे पुलिस उन्हें ट्रैक नहीं कर पाई. डीसीपी (क्राइम) ने बताया कि आरोपियों ने इन डिवाइस को 2,000-3,000 रुपये में खरीदा और उन्हें पश्चिम बंगाल ले गए. वहां चोरी किए गए मोबाइल फोन को दुरुस्‍त कर उन्‍हें बांग्लादेश में 8,000-10,000 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचा गया. दिल्‍ली पुलिस ने बताया कि सूचना के आधार पर पुलिस ने सलीमगढ़ बाईपास के पास जाल बिछाया और अब्दुश को 48 महंगे मोबाइल फोन की चोरी की खेप के साथ गिरफ्तार कर लिया.

पहले करता था कबाड़ का कारोबार
आरोपी अब्‍दुश ने बताया कि पहले वह कबाड़ का काम करता था. एक दिन उसे ऑपरेटर समीर और सलीम ने उसे प्रलोभन दिया और वह भी मोबाइल फोन चोरी करने वाले सिंडिकेट में शामिल हो गया. अच्‍छी कमाई होने के चलते वह लोभ में फंसता चला गया. अब्‍दुश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पिछले 18 महीनों में वह 800 से ज्‍यादा चोरी के मोबाइल फोन को ठिकाने लगा चुका था. दिल्‍ली पुलिस की साइबर सेल अब अब्‍दुश के अन्‍य सहयोगियों को दबोच कर इस पूर गिरोह को खत्‍म करन में जुटा है. डीसीपी ने बताया कि यह सिंडिकेट दिल्‍ली और पश्चिम बंगाल के साथ ही बांग्‍लादेश तक फैला हुआ है.स्‍मगलिंग रूट का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जा रही है.

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