ईरान ने गुरुवार को ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड के राजदूतों को तलब किया है, और साथ ही पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए आरोपों की निंदा की है। पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान ने रूस को शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति की है, जिनका उपयोग यूक्रेन के खिलाफ किया गया है। अब ईरान के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए पश्चिमी देशों को कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी (आईआरएनए) ने बताया कि ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी द्वारा ईरान के खिलाफ जारी संयुक्त बयान की भी आलोचना की है। मंगलवार को जारी इस बयान में आरोप लगाया गया था कि ईरान और रूस के बीच मिसाइलों की कथित आपूर्ति एक खतरनाक है और यह यूरोपीय सुरक्षा के लिए सीधे खतरे का प्रतीक है। इन तीन देशों ने ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंध भी लगाए हैं, जिसमें ईरान के साथ एयर सर्विस एग्रीमेंट्स को रद्द करना शामिल है। इसका प्रभाव ईरान एयर की ब्रिटेन और यूरोप के लिए उड़ानों पर पड़ेगा।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को पश्चिमी देशों की ईरान के खिलाफ चल रही दुश्मनी की नीति का हिस्सा बताते हुए कड़ी आलोचना की है। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि इन नकारात्मक प्रतिक्रियाओं का करारा जवाब दिया जाएगा।
इस सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ईरान ने उन चेतावनियों को नजरअंदाज किया है जिसके चलते युद्ध की विभीषिका और बढ़ सकती है। लंदन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने आरोप लगाया कि दर्जनों रूसी सैनिकों को ईरान में फैथ-360 क्लोज-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस मिसाइल की अधिकतम रेंज 75 मील (120 किमी) है।