Saturday, February 22, 2025
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कांग्रेस और उद्धव सेना में सीटों पर रार, MVA में भारी तकरार, बैठकें तक रद्द


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ठीक एक महीना बाकी है, लेकिन अब तक विपक्षी गठबंधन MVA ने सीट शेयरिंग फॉर्मूला पेश नहीं किया है। खबरें ये भी हैं कि कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के बीच तनातनी ज्यादा चल रही है। दोनों ही दलों के दिग्गज दिग्गज नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) चीफ शरद पवार के द्वार पहुंचे हैं। राज्य में 20 नवंबर को मतदान होगा।

कांग्रेस की बैठकें रद्द

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को AICC की चुनाव और स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें होना थीं, लेकिन सीट शेयरिंग में सहमति नहीं बनने के चलते ये रद्द हो गईं। कहा जा रहा है कि समितियां अगले 1-2 दिनों में फिर मीटिंग कर सकती हैं। इधर, शनिवार को MVA में सीट शेयरिंग पर दोबारा बातचीत शुरू हो गई थी।

दे रहे ऐसे संकेत

अखबार से बातचीत में कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि अगर सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनती है, तो पार्टी किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। वहीं, शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी कहा है कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है। शनिवार को ही कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्नीथला ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्ध ठाकरे और पवार से मुलाकात की थी।

पवार के द्वार

खबर है कि शिवसेना (UBT) विधायक आदित्य ठाकरे और एमएलसी अनिल परब ने भी सीनियर पवार से मुलाकात की है। अखबार के अनुसार, पदाधिकारियों का कहना है कि मीटिंग घोषणापत्र के चलते की गई थी, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीट पर छिड़ी रार अभी पूरी तरह शांत नहीं हुई है। यह खासतौर से शिवसेना (UBT) और कांग्रेस के बीच जारी है। रविवार के उद्धव ठाकरे ने भी मातोश्री में पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली।

AICC की तरफ से भी CWC के सदस्य नसीम खान को स्थिति संभालने के लिए मैदान में उतारा गया है। उन्होंने अखबार को बताया, ‘विवादित सीटों को लेकर शरद पवार से मेरी छोटी सी मुलाकात हुई है। MVA के सूत्रधार होने के नाते उन्होंने उद्धव ठाकरे और संजय राउत दोनों से मुलाकात की है। मुझे भरोसा है कि शरद पवार के हस्तक्षेप के बाद विवाद सुलझ जाएगा।’

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के पदाधिकारी ने शिवसेना (UBT) और एनसीपी (SP) को लेकर कहा, ‘उनकी मांग वास्तविक नहीं हैं। वे ऐसी सीटों की मांग कर रहे हैं, जहां उनकी मौजूदगी लगभग शून्य है।’



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