डीपी सतीश
बेंगलुरु. कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश और उसके मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के समक्ष उनकी ही बहन वाईएस शर्मिला को लाकर आगामी चुनाव को दिलचस्प करने की कोशिश की है. कांग्रेस को उम्मीद है कि शर्मिला के कारण कांग्रेस एकजुट होगी तो वहीं YSRCP पार्टी पर भी असर पड़ेगा. हालांकि कांग्रेस को पुराने सबक याद होंगे जिनके कारण आंध्र प्रदेश में उसका सफाया हो गया है. हालांकि कोई भी शर्मिला के नेतृत्व वाली कांग्रेस के त्वरित बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहा है, लेकिन उनकी वापसी से पार्टी के बारे में धारणा बदल सकती है. कांग्रेस को आंध्र प्रदेश के ज्यादातर लोग नापसंद करते हैं. 2014 में आम चुनावों के करीब राज्य को विभाजित करने के लिए जनता कांग्रेस को दोषी मानती है.
अगर शर्मिला पर्याप्त संख्या में वोट और फॉलोअर्स हासिल करने में कामयाब हो जाती हैं, भले ही वह सीटें लाने में विफल रहती हैं, तो कांग्रेस भविष्य में चुनावी मैदान में बने रहने की उम्मीद कर सकती है. 2014 के बाद से सभी विधानसभा और लोकसभा सीटों पर जमानत गंवाने वाली कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है.
शर्मिला और उनकी मां जब पहुंचीं थी 10 जनपथ
जानकारों का मानना है कि 2010 के मध्य में, आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी की पत्नी वाईएस विजयालक्ष्मी, जिन्हें विजयम्मा के नाम से जाना जाता है, और उनकी बेटी वाईएस शर्मिला हैदराबाद से नई दिल्ली पहुंचीं थीं. वे सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आधिकारिक आवास 10, जनपथ पहुंचीं थीं. उन्हें उम्मीद थीं कि उनका स्वागत होगा; लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मां और बेटी को मालूम था कि डॉ. वाईएसआर और राजीव गांधी के बीच अच्छे संबंध थे, लेकिन 10, जनपथ से वे मायूस होकर लौट गईं थीं.
जगन को रोकना चाहती थीं सोनिया गांधी, लेकिन…
सितंबर 2009 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वाईएसआर रेड्डी की असामयिक मृत्यु के बाद उनके बेटे जगन मोहन ने आंध्र प्रदेश का दौरा शुरू किया था और उन्हें अपार समर्थन मिल रहा था. सोनिया गांधी चाहती थीं कि जगन इस यात्रा को रोक दें. जब मां- बेटी ने उन्हें समझाना चाहा तो वे गुस्से में अपनी कुर्सी से उठ गईं थीं और यात्रा को रोकने को कहा था. इसके बाद मां-बेटी हैदराबाद लौट आईं थीं. इसके बाद जब जगन ने यह खबर सुनी तो वह क्रोधित हो गए. उन्होंने अपने परिवार और करीबी लोगों को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि वह अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस छोड़ने जा रहे हैं. उन्होंने गरजते हुए कहा कि वह आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को नष्ट करके गांधी परिवार को सबक सिखाएंगे.

शर्मिला कई बार गांधी परिवार से मिलीं, अब ले सकतीं हैं फैसला
पिछले छह महीनों में शर्मिला कई बार गांधी परिवार से मिल चुकी हैं और तेलंगाना विधानसभा चुनाव से दूर रहने के उनके फैसले से कांग्रेस को शक्तिशाली केसीआर को नीचा दिखाने में मदद मिली. अंदरूनी सूत्रों के अनुसार गांधी परिवार ने बदले में उन्हें एपीसीसी अध्यक्ष पद और राज्यसभा सदस्यता की पेशकश की है. यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि शर्मिला क्या स्वीकार करेंगी, लेकिन उनका कांग्रेस में शामिल होना या अपने दिवंगत पिता की पार्टी में लौटना पार्टी कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर सकता है और वाईएसआरसीपी को भी विभाजित कर सकता है.
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Tags: Andhra pradesh news, CM Jagan Mohan Reddy, Congress, YSRCP
FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 19:39 IST