पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन अब दिल्ली में भी गठबंधन टूट की तरफ़ बढ़ रहा है. आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी राजनीतिक मामलों की कमेटी ने आज यानी मंगलवार को बैठक की और साफ कहा कि कांग्रेस का इंतजार करते-करते हम थक गए हैं। AAP ने अब दिल्ली की छह सीटों पर खुद लड़ने और एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने की बात कही है. ये भी साफ कर दी है कि अगर समय पर जवाब नहीं मिला तो AAP इन 6 सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर देगी.
यही नहीं AAP ने साउथ गोवा से वेंजी वेगास को अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है. कांग्रेस कभी भी ये सीट AAP को नहीं देगी. इसी के साथ AAP ने गुजरात की दो सीटों भरूच पर चैतर बसावा और भावनगर से उमेश भाई मकवाना को उम्मीदवार घोषित किया है. ये भी कहा है कि गुजरात की छह और सीटों पर वो अपने उम्मीदवार घोषित करेगी. जाहिर है, कांग्रेस किसी भी हाल में गुजरात में AAP के साथ इतनी सीटों पर गठबंधन नहीं करेगी.
AAP के संगठन महासचिव राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने बैठक के बाद कहा कि इंडिया गठबंधन को लेकर देश में उम्मीद और उत्साह जागा था. जब हम गठबंधन में आए तो अपने हित में सोचने की मंशा नहीं थी. हम ईमानदारी और लग्न से गठबंधन के साथ है, लेकिन इंडिया गठबंधन का उद्देश्य चुनाव लड़ना है और देश को नया विकल्प देना है. समय से उम्मीदवारों का एलान करना, कैंपेन की रणनीति तय करना भी गठबंधन में शामिल है.
कांग्रेस के अब तक के रवैये से दुखी दिख रहे पाठक ने कहा कि कांग्रेस के साथ 8 जनवरी और 12 जनवरी को दो बार मीटिंग हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला है. पिछले एक महीने में कोई मीटिंग नहीं हुई. एक महीने से मीटिंग का इंतजार कर रहे हैं. हमें न्याय यात्रा की वजह से इंतजार कराया गया. कांग्रेस नेताओं को भी कोई क्लियरटी नहीं है. AAP के इस कड़े रुख से साफ है कि विपक्षी गठबंधन अब पूरी तरह से टूट की कगार पर है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस का समझौता नहीं हो सका. बिहार में नीतीश कुमार अलग होकर बीजेपी के साथ चले गये हैं. उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश यादव के साथ अब तक आधिकारिक समझौते पर मुहर नहीं लगी है और अब दिल्ली भी दूर जाती दिख रही है.
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FIRST PUBLISHED : February 13, 2024, 14:41 IST