आजकल लोग अपने घर के बगीचे या किचन गार्डन में ताजी और हरी सब्जियां और फलों को उगाने में रुचि ले रहे हैं. ऐसे में अगर आप स्ट्रॉबेरी उगाना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. स्ट्रॉबेरी न केवल स्वाद में मीठी और खट्टास में हल्की होती है, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. आइए जानते हैं घर पर किचन गार्डन में स्ट्रॉबेरी उगाने का आसान तरीका.
स्ट्रॉबेरी को उगाने के लिए सबसे पहले सही जगह चुनना बहुत जरूरी है. इसे ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जहां सुबह की धूप अच्छी मिले और हवा का सही संचार हो. स्ट्रॉबेरी को सीधे तेज धूप नहीं बल्कि हल्की धूप पसंद होती है. अगर आप इसे बालकनी या छत के गमले में उगाना चाहते हैं, तो उस जगह का चयन करें जहां सुबह 4 से 6 घंटे की धूप आसानी से मिल सके.
मिट्टी का चुनाव
स्ट्रॉबेरी के लिए हल्की और उपजाऊ मिट्टी सबसे बेहतर रहती है. बालू, गोबर की खाद और उपजाऊ मिट्टी का मिश्रण स्ट्रॉबेरी के लिए उपयुक्त माना जाता है. मिट्टी का पीएच 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए. ध्यान दें कि पानी जमा होने वाली मिट्टी में स्ट्रॉबेरी नहीं उगाई जा सकती.
बीज या पौधा
आप स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए बीज की जगह छोटे पौधे भी खरीद सकते हैं. नर्सरी से मिलते छोटे पौधों को सीधे गमले या बगीचे में लगा सकते हैं. पौधों की जड़ों को हल्के हाथ से खोले और मिट्टी में 2-3 इंच गहरा लगाएं.
पानी देने की सही मात्रा
स्ट्रॉबेरी के पौधे को पर्याप्त पानी देना बहुत जरूरी है, लेकिन ज्यादा पानी से जड़ सड़ सकती है. मिट्टी को नम रखें और पौधों की जड़ों में पानी अच्छी तरह जाए. गर्मियों में पौधे को दिन में दो बार हल्का पानी देना अच्छा होता है.
खाद और पोषण
स्ट्रॉबेरी को बढ़िया फल देने के लिए पोषण की जरूरत होती है. घर में बनी गोबर की खाद, हरे खाद और वर्मी कम्पोस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं. हर महीने पौधों को हल्की खाद देने से उनकी वृद्धि अच्छी होती है और फल भी मीठे आते हैं.
फल आने का समय
स्ट्रॉबेरी में फूल और फल जल्दी आते हैं. लगने के 2 से 3 महीने के अंदर पौधे में फूल आने लगते हैं और उसके बाद लाल और मीठे फल. ध्यान रहे कि फल बनने के समय पौधों को ज्यादा पानी या अधिक खाद ना दें.
कीट और रोग से बचाव
स्ट्रॉबेरी के पौधों में कभी-कभी कीट लग सकते हैं. पत्तों पर हल्की कीट दिखाई दें तो हल्के नीम के तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें. इसके अलावा पौधों के आसपास साफ-सफाई रखें ताकि कीट और रोग दूर रहें.
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