नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि संघवाद भारतीय संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है और यह नहीं कहा जा सकता कि ‘संघ सरकार’ के बजाय ‘केंद्र सरकार’ शब्द के इस्तेमाल से यह कमजोर या इसका उल्लंघन हुआ है. अदालत ने सभी आदेशों, अधिसूचनाओं और पत्राचारों में ‘केंद्र सरकार’ के स्थान पर ‘संघ’ या ‘संघ सरकार’ शब्द के इस्तेमाल के अनुरोध वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने कहा कि ‘केंद्र सरकार’, ‘भारत संघ’ के साथ-साथ ‘भारत सरकार’ का इस्तेमाल विभिन्न कानूनों में बड़े पैमाने पर किया गया है और देश की सरकार को विनिमेय अभिव्यक्तियों में दर्शाया गया है. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का यह तर्क कि ‘केंद्र सरकार’ शब्द का उपयोग यह दर्शाता है कि राज्य सरकारें इसके अधीन हैं, पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
पीठ ने यह भी कहा, ‘‘इसी प्रकार, जब संविधान के साथ-साथ अन्य कानूनों ने देश की सरकार को दर्शाने के लिए विभिन्न शब्दों को लागू किया है, तो यह न्यायालय कानून के उस क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा, जो इसके दायरे में नहीं है.’’ अदालत ने कहा, ‘‘हमारे देश के संविधान का संघीय ढांचा संविधान की आवश्यक और बुनियादी विशेषताओं में से एक है. संघवाद, जो हमारे संविधान का मूल ढांचा है, ‘केंद्र सरकार’ अभिव्यक्ति के उपयोग से किसी भी तरह से कमजोर या उल्लंघन नहीं होता है.’’
यह भी पढ़ें:- 2004 की वो सुनामी, जिसने भारत समेत 14 देशों को दिया गहरा जख्म, पलभर में मौत की नींद सो गए लाखों लोग
यह संविधान के मूल ढांचे का आधार
अदालत ने कहा, ‘‘हमारे संविधान का मूल ढांचा वह आधार है जिस पर हमारे देश का शासन आधारित है…याचिकाकर्ता का तर्क कि ‘केंद्र सरकार’ शब्द के इस्तेमाल से यह गलत धारणा बनती है कि राज्य सरकारें केंद्र सरकार के अधीन हैं, पूरी तरह से गलत, अस्वीकार्य है.’’ अदालत ने 19 दिसंबर को जनहित याचिका खारिज कर दी थी जिसका विस्तृत आदेश बाद में इसकी वेबसाइट पर अपलोड किया गया. कोलकाता निवासी 84 वर्षीय आत्माराम सरावगी ने इस साल की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख कर कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से ‘केंद्र’, ‘केंद्र सरकार’ या किसी अन्य समान संदर्भ के बजाय ‘संघ’, ‘संघ सरकार’ या ‘भारत संघ’ शब्द का इस्तेमाल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

क्या थी याचिकाकर्ता की मांग?
याचिकाकर्ता ने ‘जनरल क्लॉज एक्ट, 1897’ की धारा 3(8)(बी) के तहत परिभाषित ‘केंद्र सरकार’ की परिभाषा को संविधान के दायरे से बाहर बताते हुए रद्द करने का अनुरोध किया था. याचिका में कहा गया, ‘‘हमारे संविधान के तहत भारत ‘राज्यों का संघ’ है और ब्रिटिश राज के तहत अस्तित्व में आने वाली ‘केंद्र सरकार’ की कोई अवधारणा नहीं हो सकती है. हालांकि, यह पुरातन वाक्यांश हमारी शासन प्रणाली के पूरी तरह से विपरीत है.’’ अदालत ने 19 दिसंबर को सुनवाई के दौरान जनहित याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वह इस मुद्दे पर औपचारिक आदेश पारित करेगी.
.
Tags: DELHI HIGH COURT, High court, Hindi news
FIRST PUBLISHED : December 26, 2023, 22:49 IST