नई दिल्ली. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद सोरेन ने ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गुहार लगाई गई कि उन्हें झारखंड विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र का हिस्सा बनने का मौका दिया जाए. कोर्ट ने उनकी इस अर्जी को अस्वीकार करते हुए जेल से बाहर आने की मांग ठुकरा दी है. उन्हें जेल में ही रहना होगा. बजट सत्र के दौरान उन्हें बाहर आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. जांच एजेंसी ईडी ने मुख्यमंत्री की अर्जी का कोर्ट में विरोध किया था. दलील दी गई कि अगर वो जेल से बाहर आते हैं तो सबूतों को नष्ट करने का प्रयास कर सकते हैं. ईडी की बात को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री की मांग को खारिज कर दिया.
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आगामी 23 फरवरी से शुरू होगा, जो 2 मार्च तक चलेगा. विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने की रणनीति बन रही है. ऐसे में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं, इसको लेकर राजनीतिक हल्कों में काफ चर्चाएं थी. झारखंड में ईडी की विशेष अदालत ने आज इसपर स्थिति स्पष्ट कर दी है. बता दें कि बुधवार को पेश मामले में न्ययाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनी थी, जिसके बाद अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था.

हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बहस की थी. उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि बजट सत्र में मनी बिल पास होता है, इसलिए हेमंत सोरेन का रहना जरूरी है. दरअसल, झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू होगा, जो 2 मार्च तक चलेगा. हेमंत सोरेन अभी ईडी की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं. ईडी ने जनवरी के अंत में हेमंत सोरेन को मनी लॉंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद राज्य में राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया था. हालांकि जेएमएम और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार सत्ता में वापसी करने में सफल रही.
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FIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 15:34 IST