हाइलाइट्स
संक्रमण से ठीक हो चुके अधिकतर लोगों के IQ में गिरावट.
चीजों को याद रखना-तर्क करना हो गया मुश्किल.
Long Covid Reduces IQ: भारत में कोरोना ने कुल 4.5 करोड़ लोगों को संक्रमित किया. इनमें से 5.33 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. 3 साल तक लोग परेशान रहे लेकिन कोरोना का दंश अब भी लोगों के दिलो-दिमाग पर कम नहीं हुआ. जिन लोगों को कोरोना का दर्द ज्यादा दिनों तक सहना पड़ा, उन्हें कई परेशानियों से अब भी दो चार होना पड़ रहा है. अब एक नई रिसर्च में दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों को लॉन्ग कोविड था उनकी बुद्धि की तीक्ष्णता यानी आईक्वी लेवल में कमी आ रही है. लॉन्ग कोविड का जोखिम इसलिए अब भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है. कोरोना को लेकर हुए कई शोध में बताया जाता रहा है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस ने शरीर को कई प्रकार से क्षति पहुंचाई है.
आईक्यू लेवल में कम से कम 3-पॉइंट तक की कमी
द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक विशेषतौर पर दिल और फेफड़ों की सेहत पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं. शोध में विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि जो लोग कोविड-19 से ठीक हो गए, उनमें एक साल बाद तक आईक्यू लेवल में कम से कम 3-पॉइंट तक की कमी देखी गई है. वैसे तो ये गिरावट ज्यादा नहीं है पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि बड़ी आबादी में मस्तिष्क से संबंधित जोखिमों को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है. इस शोध में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के हल्के और गंभीर दोनों प्रकार के मामले वाले लोगों में संज्ञानात्मक गिरावट देखी जा रही है जो चिंता की बात है.
हल्के लक्षण वालों को भी दिक्कत
वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामले भले ही अब काफी कम देखने को मिल रहे हैं पर संक्रमण का शिकार रहे लोगों में लॉन्ग कोविड का जोखिम अब भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है. इस शोध में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के हल्के और गंभीर दोनों प्रकार के मामले वाले लोगों में संज्ञानात्मक गिरावट देखी जा रही है. जिन लोगों में अधिक गंभीर लक्षण थे या फिर जिन्हें अस्पताल की इंटेंसिव केयर में इलाज की आवश्यकता थी, उनमें आईक्यू में 9-पॉइंट तक की कमी रिपोर्ट की गई है. संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में स्मृति, तर्क और परिस्थितियों से सहजता से निपटने की क्षमता कम हो गई है.
ऐसी परेशानी है तो डॉक्टर के पास जाएं
इंपीरियल कॉलेज लंदन में किए गए इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने आठ लाख प्रतिभागियों को शामिल किया. कोरोना का शिकार न रहे लोगों से किए गए तुलनात्मक अध्ययन में संक्रमितों में बौद्धिक क्षमता में कमी दर्ज की गई. जिन लोगों में जिस स्तर का संक्रमण था उनमें आईक्यू में उसी तरह से गिरावट दर्ज की गई है. इसके अलावा जिन लोगों को दो या दो से अधिक टीके लगने के बाद कोविड-19 हुआ, उन्होंने उन लोगों की तुलना में बेहतर संज्ञानात्मक प्रदर्शन देखा गया है, जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था. अगर आप संक्रमण के शिकार रहे हैं तो डॉक्टर से मिलकर संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच जरूर करा लेनी चाहिए, जिससे समय रहते जोखिमों का पता लगाकर उसका इलाज प्राप्त किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 15:29 IST