Thursday, June 26, 2025
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क्या डायबिटीज की तरह होती है यूरिक एसिड की समस्या? इलाज के जरिए खत्म हो सकती है या नहीं, डॉक्टर से जानें फैक्ट


हाइलाइट्स

यूरिक एसिड को रिवर्स किया जा सकता है, लेकिन डायबिटीज रिवर्स नहीं हो सकती है.
प्रॉपर ट्रीटमेंट के जरिए कुछ महीनों में यूरिक एसिड की परेशानी से निजात पा सकते हैं.

Is Uric Acid Curable: वर्तमान समय में लोगों की लाइफस्टाइल और खान-पान बिगड़ गया है. अधिकतर लोग भागदौड़ भरी जिंदगी जी रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई शारीरिक समस्याएं हो रही हैं. यूरिक एसिड ऐसी ही एक समस्या है, जो इन दिनों तेजी से बढ़ रही है. बड़ी तादाद में युवा यूरिक एसिड बढ़ने से परेशान हैं. यूरिक एसिड हमारे लिवर में बनने वाला एक प्रोडक्ट होता है, जो किडनी से होते हुए यूरिन के रास्ते बाहर निकल जाता है. हालांकि जिन लोगों के शरीर में यूरिक एसिड नॉर्मल से ज्यादा हो जाता है, तब यह शरीर के छोटे जॉइंट्स में जमने लगता है. इससे गाउट और किडनी की समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है. तमाम लोग यूरिक एसिड को डायबिटीज की तरह लाइलाज बीमारी समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. यूरोलॉजिस्ट की मानें तो यूरिक एसिड ट्रीटमेंट के जरिए पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमरेंद्र पाठक के मुताबिक डायबिटीज की बीमारी को इलाज के जरिए पूरी तरह टीक नहीं किया जा सकता है. डायबिटीज को इलाज से केवल कंट्रोल कर सकते हैं, जबकि यूरिक एसिड के साथ ऐसा नहीं है. यूरिक एसिड का इलाज सही समय पर शुरू हो जाए, तो कुछ ही महीनों में इसे नॉर्मल किया जा सकता है. यूरिक एसिड बढ़ने की तीन प्रमुख वजह होती हैं. पहला लिवर या किडनी में परेशानी होना. दूसरा नॉन वेज और हाई प्यूरिन फूड्स का ज्यादा सेवन करना. तीसरा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी की कमी. अगर इसकी सही वजह पता लग जाए, तो इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. जबकि डायबिटीज में ऐसा नहीं होता.

डॉक्टर अमरेंद्र पाठक कहते हैं कि यूरिक एसिड को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और प्रॉपर ट्रीटमेंट कराना चाहिए. जब इलाज के दौरान यूरिक एसिड का लेवल सामान्य हो जाता है तब धीरे-धीरे दवाएं कम की जाती हैं और बाद में बंद कर दी जाती हैं. अधिकतर मामलों में कुछ महीनों की दवा के बाद मरीज ठीक हो जाते हैं. जिन लोगों का यूरिक एसिड बहुत ज्यादा होता है, उन्हें लंबा ट्रीटमेंट कराना पड़ता है. यह मरीज की कंडीशन के ऊपर भी डिपेंड करता है. यूरिक एसिड की दवाएं भी सभी मरीजों को उनकी कंडीशन के हिसाब से दी जाती हैं. सही समय पर दवा लेने से गाउट का खतरा कम हो जाता है.

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Tags: Health, Lifestyle, Trending news



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