Monday, February 24, 2025
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क्‍या हिन्‍दू-मुस्लिम…? बंगाल में ‘सीता-अकबर’ पर बवाल! हाईकोर्ट ने ममता सरकार की जमकर लगाई क्‍लास


हाइलाइट्स

बंंगाल के सिलिगुड़ी सफारी पार्क में शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने पर बवाल हो गया था.
कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को जमकर फटकार लगाई और इसे बदलने का आदेश दिया.

नई दिल्‍ली. कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार से शेर का नाम “अकबर” और शेरनी का नाम “सीता” से बदलने का आदेश दिया. इन दोनों शेर-शेरनी को सिलीगुड़ी स्थित सफारी पार्क में ही एक साथ बाड़े में रखा गया था. लाइव लॉ वेबसाइट की खबर के मुताबिक अदालत में शेरनी का नाम सीता से बदलने के लिए विश्व हिंदू परिषद की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस शेरनी को हाल ही में त्रिपुरा से पश्चिम बंगाल स्थानांतरित किया गया था. न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की बेंच ने मौखिक निर्देश में राज्य को विवाद से बचने और जानवरों का नाम बदलने पर विचार करने को कहा.

न्‍यायमूर्ति भट्टाचार्य ने पूछा, “आमतौर पर कोई भी व्यक्ति जो हमारे देश के लोगों द्वारा पूजनीय या सम्मानित होता, क्या आप शेर का नाम किसी हिंदू देवता, मुस्लिम पैगंबर या ईसाई देवता या स्वतंत्रता सेनानी या नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम पर रखेंगे? पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) ने अदालत को बताया कि शेरों का नाम त्रिपुरा में रखा गया था और राज्य पहले से ही शेरों का नाम बदलने पर विचार कर रहा था. अदालत ने एक जानवर का नाम “भगवान, पौराणिक नायक, स्वतंत्रता सेनानी या नोबेल पुरस्कार विजेता” के नाम पर रखने के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाया और पूछा कि राज्य ने त्रिपुरा द्वारा दिए गए नामों को चुनौती क्यों नहीं दी.

यह भी पढ़ें:- मणिपुर: मेइती समुदाय को लेकर हाईकोर्ट ने दिया था फैसला, इसमें ऐसा क्‍या था, अब करना पड़ गया बदलाव

क्‍या हिन्‍दू देवी…? बंगाल में 'सीता-अकबर' पर बवाल! हाईकोर्ट ने ममता सरकार की जमकर लगाई क्‍लास

‘अकबर कुशल एवं महान सम्राट थे’
बेंच ने कहा, ‘”आप एक कल्याणकारी राज्य हैं और यह एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है. आपको सीता और अकबर के नाम पर शेर का नाम रखकर विवाद क्यों खड़ा करना चाहिए? इस विवाद से बचना चाहिए था. सीता ही नहीं, मैं अकबर के रूप में शेर के नाम का भी समर्थन नहीं करता . वह एक बहुत ही कुशल और महान मुगल सम्राट थे. बहुत सफल और धर्मनिरपेक्ष मुगल सम्राट. यदि इसका नाम पहले से ही है, तो राज्य प्राधिकरण को इसे छोड़ देना चाहिए और इससे बचना चाहिए.”

Tags: Bengal news, Calcutta high court, Mamata banerjee



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