Sunday, June 29, 2025
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क्या है सोलिडरिटी पिन? जिसे नहीं पहनने पर भड़का इजरायल, जिन देशों ने की मदद उन्हीं के विदेश मंत्रियों की कर दी फजीहत


इजरायल-हमास के बीच पिछले 10 महीने से चल रहे युद्ध के बीच संघर्ष विराम कराने की कोशिशें भी जारी हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 10 महीनों के अंदर नौवीं बार मिडिल-ईस्ट के दौरे पर हैं। उनकी यात्रा से पहले ब्रिटेन और फ्रांस के विदेश मंत्रियों ने भी शुक्रवार को इजरायल का दौरा किया और वहां के विदेश मंत्री से मुलाकात की। ताकि सीजफायर के समझौते के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जा सके लेकिन इन दोनों विदेश मंत्रियों के दौरे पर बवाल मच गया है।

दरअसल, हुआ ये कि ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी और उनके फ्रांसीसी समकक्ष स्टीफन सेजॉर्न ने शुक्रवार को इजरायली विदेश मंत्री इजरायल कैट्ज से मुलाकात की और सीज फायर समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान ब्रिटिश और फ्रांसीसी विदेश मंत्रियों ने पीले रंग की सोलिडरिटी पिन अपने लैपल पर लगा रखी थी। ये पिन यानी एक तरह का प्रतीक चिह्न है जो इजरायली बंधकों के साथ उनकी एकजुटता को दिखाता है लेकिन जब दोनों विदेश मंत्री फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा से मुलाकात करने रामल्लाह पहुंचे तो उन्होंने अपने लैपल से वह प्रतीक चिह्न हटा दिया। ब्रिटिश और फ्रांसीसी विदेश मंत्रियों की इस हरकत पर इजरायल आगबबूला हो उठा है।

ब्रिटिश अखबार मेल ऑन संडे ने इजरायल सरकार के पूर्व प्रवक्ता एयलॉन लेवी के हवाले से लिखा कि अगर इन दोनों मंत्रियों ने फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री के सामने सोलिडरिटी पिन यानी प्रतीक चिह्न पहना होता तो उन्हें स्पष्ट संदेश जाता कि ये दोनों देश भी इजरायली बंधकों के समर्थन में हैं और तब हमास को उन बंधकों की रिहाई तुरंत करने पर विचार करना पड़ता।

कई इजरायली मीडिया की रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी से मिलने से इनकार कर दिया। इजरायल इस बात से भी ब्रिटेन से नाराज है कि नई ब्रिटिश सरकार ने नेतन्याहू और उनके रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ़ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के प्रस्तावित प्रस्ताव पर आपत्ति वापस लेने का फैसला किया है। चैनल 13 न्यूज़ और टाइम्स ऑफ़ इज़रायल के अनुसार, ब्रिटिश सरकार ने लैमी और नेतन्याहू की मुलाकात के लिए इजरायल सरकार से कई बार अनुरोध किए, लेकिन नेतन्याहू ने मिलने से इनकार कर दिया।

हालांकि, एक ब्रिटिश बेवसाइट मिडिल ईस्ट आई ने विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि डेविड लैमी और बेंजामिन नेतन्याहू की मुलाकात की कोई योजना थी ही नहीं। बता दें कि फ्रांस और ब्रिटेन ने हमास के खिलाफ जंग में अमेरिका की ही तरह इजरायल का साथ दिया था और हथियारों से लेकर कई स्तर पर इजरायल को मदद पहुंचाई थी। ब्रिटिश फौज ने तो समंदर में युद्धपोत उतारकर इजरायल को सांकेतिक सुरक्ष कवच भी मुहैया कराया था।



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