Friday, June 27, 2025
Google search engine
Homeहेल्थखोपड़ी खोलकर डॉक्‍टर करते रहे ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी, हंसती रही 5...

खोपड़ी खोलकर डॉक्‍टर करते रहे ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी, हंसती रही 5 साल की बहादुर बच्‍ची, AIIMS में हुआ कमाल


Awake Brain Tumor Surgery in AIIMS: बच्‍चे हमेशा बच्‍चे नहीं होते, हिम्‍मत और जज्‍बे में वे बड़ों को भी मात दे जाते हैं. ऐसा ही मामला दिल्‍ली के सबसे बड़े अस्‍पताल एम्‍स में हुआ है. जब ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही 5 साल 10 महीने की बच्‍ची का पूरी तरह जागती हुई हालत में ऑपरेशन किया गया. अस्‍पताल के ऑपरेशन थिएटर में बेहद कमाल का सीन था कि डॉक्‍टर बच्‍ची की खोपड़ी को खोलकर ब्रेन में औजार घुसाकर सर्जरी कर रहे थे और बच्‍ची हंस रही थी व डॉक्‍टरों की बातों का लगातार जवाब दे रही थी.

इस दौरान डॉक्‍टरों ने बच्‍ची से पूछा कि उसके मुंह में से दांत कहां गए तो बच्‍ची बोली कि चूहे ले गए. एम्‍स एनेस्‍थीसिया विभाग के डॉ. मिहिर पांड्या ने बताया कि जब बच्‍ची को ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया तो उसकी स्‍कल यानि खोपड़ी में दोनों तरफ 16 इंजेक्‍शन लगाए गए थे. उससे पहले बच्‍ची को ड्रॉप दी गई थी ताकि उसे इंजेक्‍शन का दर्द कम महसूस हो लेकिन चूंकि इस सर्जरी में जब खोपड़ी खोलकर ब्रेन के पास पहुंचते हैं तो मरीज को पूरी तरह जगा दिया जाता है, इसलिए बच्‍ची को भी पूरी तरह उठा दिया गया और उससे लगातार बातें की गईं, उसे फोटो और वीडियो दिखाई गईं, उससे बुलवाया गया और हाथ-पैर उठाने के लिए कहा गया.

डॉ. पांड्या कहते हैं कि इस सर्जरी में जगाए रखने का मुख्‍य उद्धेश्‍य है कि सर्जरी के दौरान ही मरीज की मेमोरी, स्‍पीच और मोटर फंक्‍शन चेक कर लिए जाएं. ताकि सर्जरी के बाद कोई डेमेज न हो. जबकि पूरी तरह एनेस्‍थीसिया वाली सर्जरी में इन तीनों में गड़बड़ होने का पता बाद में चलता है.

बहुत बहादुर थी बच्‍ची.. 

यूपी के प्रयागराज से आई यह बच्‍ची काफी बहादुर थी. बच्‍ची को लेफ्ट पेरिसिल्वियन इंट्राक्सियल ब्रेन ट्यूमर था. इस सफल सर्जरी के बाद उसने साबित कर दिया कि उम्र बस एक नंबर है. बच्‍ची ने पूरी सर्जरी के दौरान बेहतर तरीके से कॉपरेट किया और सर्जरी के बाद भी खुश और मुस्‍कुराती रही. छोटे से बच्‍चे के लिए यह अपने आप में बड़ी बात थी. सर्जरी के दौरान डॉक्‍टर लगातार उससे बातें कर रहे थे. वह मुस्‍कुरा रही थी. उससे हाथ उठाने के लिए कहा गया, तो उसने हाथ उठाया. यह बीमारी बच्‍चों में काफी रेयर होती है, वहीं इसकी इतने छोटे बच्‍चे की इस तरह सर्जरी भी दुनिया में पहली बार की गई है.

इतनी छोटी बच्‍ची की दुनिया में पहली थी ये सर्जरी.. 

एम्‍स की ओर से बताया गया कि लिटरेचर रिव्‍यू में ऐसी सर्जरी दुनिया में कहीं नहीं हुई, इसे एम्‍स में पहली बार किया गया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्‍ली में न्‍यूरोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्‍टरों ने दुनिया की पहली ऐसी सर्जरी कर करिश्‍मा कर दिखाया है, जिसमें मरीज इतनी छोटी उम्र की है और कॉन्सियस सेडेशन तकनीक (Conscious Sedation technique ) यानि जागती हुई हालत में इस सर्जरी को सफलतापूर्वक किया गया है. ऐसा अभी तक बड़ों साथ होता था.

Tags: AIIMS, Aiims delhi, Delhi news



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments