सोनिया मिश्रा/ चमोली. किचन में खाना बनाते समय गर्म तेल या गर्म पानी के छींटे पड़ने से शरीर के उस हिस्से पर फफोले पड़ जाते हैं. किचन में छोटे-मोटे छींटों से जलना एक आम समस्या है लेकिन यदि यह बड़े घाव बनते हैं और समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो ये निशान बड़े घाव के रूप में बदल जाते हैं. आमतौर पर लोग किचन में काम करते समय इतनी जल्दबाजी में होते हैं कि उन्हें अंदाजा ही नहीं होता कि कब गर्म बर्तन को छू लिया, या फिर कब गर्म दूध ,चाय या तेल हाथ पर गिर गई. किसी भी गर्म पदार्थ के हाथ पर गिरने से त्वचा पर असहनीय दर्द और जलन होता है.
एक्सपर्ट के अनुसार जलने को 3 प्रकार में विभाजित किया गया है. पहला है फर्स्ट डिग्री बर्न. फर्स्ट डिग्री बर्न में सिर्फ स्किन की ऊपरी परत जलती है और स्किन लाल हो जाती है और सूजन के साथ दर्द होता है. सेकंड डिग्री बर्न में त्वचा की बाहरी और उसके ठीक नीचे की परत जलती है, त्वचा लाल हो जाती है, फफोले पड़ जाते हैं और सूजन के साथ दर्द भी होता है. थर्ड डिग्री बर्न में त्वचा की अंदरूनी परत तक जल जाती है. इससे फफोले पड़ जाते हैं, जिससे त्वचा सफेद या काली हो जाती है.
बर्फ या ठंडे पानी से करें साफ
Local 18 ने उत्तराखंड के चमोली जिले के गौचर अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर रजत से इस बारे में बातचीत की. उन्होंने कहा कि अगर शरीर के किसी हिस्से पर जलने से घाव बन गए हैं, तो बर्फ या ठंडे पानी से उस स्थान को साफ कर लें और जले स्थान पर सिल्वर सल्फासालाजीन, लिग्नोकेन और सोफ्रामाइसिन की टयूब को मिक्स करके लगाएं. इससे जलन कम होने, घाव ठीक होने और इन्फेक्शन के खतरे से बचा जा सकता है.
डॉक्टर की सलाह जरूरी
डॉक्टर रजत ने लोकल 18 को बताया कि अगर काम करते वक्त बॉडी का कोई पार्ट जल जाए, तो तुरंत टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इससे काफी राहत मिलती है. उन्होंने बताया कि जलने से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, तो प्राथमिक इलाज से मरीज ठीक हो सकता है लेकिन अगर मरीज ज्यादा जल गया है, तो जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी डॉक्टर को दिखाना जरूरी है.
घाव की जलन और दर्द कम करेगा घी
रुद्रप्रयाग के आयुर्वेदिक अस्पताल में कार्यरत फार्मासिस्ट एसएस राणा लोकल 18 को बताते हैं कि घाव की जलन और दर्द को कम करने में घी और शहद बेहद कारगर है. इसके लिए घाव को साफ पानी से धोकर सुखा लें और उसके बाद घी लगाएं. घी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण घाव के इन्फेक्शन को रोकने में मदद कर सकते हैं और जलन को कम कर सकते हैं.
आलू-प्याज और एलोवेरा का रस मददगार
एसएस राणा बताते हैं कि एलोवेरा के जेल को घाव पर लगाने से जलन कम होती है और जख्म भी जल्दी भर जाते हैं. प्याज के रस में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो घाव के इन्फेक्शन को रोकने में मदद करते हैं और कच्चा आलू घाव पर लगाने से उसमें फफोले पड़ने से बचाता है.
.
Tags: Chamoli News, Health News, Life18, Local18, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : March 22, 2024, 15:03 IST