खालिस्तानियों के समर्थन में खड़ी रहने वाली जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर संकट मंडराने लगा है। पिछले ढाई साल से गठबंधन में रही न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने जस्टिन ट्रूडो की पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है। इसके बाद जस्टिन ट्रूडो की सरकार लड़खड़ाने लगी है। जानकारों का कहना है कि कनाडा में मध्यावधि चुनाव भी कराए जा सकते हैं। मार्च 2022 में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी ने लिबरल पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनवा दी थी। हालांकि बुधवार को एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने कहा कि वह पिछले सभी समझौते रद्द कर रहे हैं।
फिलहाल जस्टिन ट्रूडो की सरकार किसी तरह संसद के अगले सत्र तक सर्वाइव करना चाहती है। संसद का सत्र 16 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। एनडीपी के समर्थन वापस लेने के बाद विपक्षी कंजेरवेटिव पार्टी बेहद खुश नजर आ रही है। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। कनाडा में अक्टूबर 2025 में चुनाव होने थे। हालांकि अगर जस्टिन ट्रूडो की सरकार गिर जाती है तो मध्यावधि चुनाव ही कराने होंगे। कंजरवेटिव पार्टी को लगता है कि मध्यावधि चुनाव में उसे इनकंबेंट लिबरल पार्टी के मुकाबले फायदा मिलेगा।
ब्रिटिश कोलंबिया की क्वाटलेन पॉलीटेक्निग युनिवर्सिटी में प्रोफेसर शिंदर पुरेवाल ने कहा कि जरूरी नहीं है कि एनडीपी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कंजरवेटिव का साथ दे। एनडीपी ने जस्टिन ट्रूडो की पार्टी से समर्थन वापस जरूर लिया है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि वह आगे कंजरवेटिव पार्टी का साथ देगी। वहीं ट्रूडो के सामने अन्य रास्ते में है। सदन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी भी है जो अगर सपोर्ट कर दे तो ट्रूडो की सरकार बची रह सकती है। उसके पास 32 सीटें हैं। वहीं एनडीपी के पास 24 ही सीटें थीं।
कनाडा की संसद में ट्रूडो के पास 130 सीटें हैं। सत्ता में बने रहने के लिए उसे कम से कम 9 सीटों की जरूरत है। पहले ट्रूडो के पास 24 सीटों वाली एनडीपी का समर्थन था। अब अगर क्यूबेक पार्टी का सपोर्ट मिलता है तो जस्टिन ट्रूडो की सरकार बनी रहेगी। वहीं कंजरवेटिव पार्टी के पास 119 सीटें हैं। अगर चुनाव होता है तो कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत भी मिल सकता है। एनडीपी के जगमीत सिंह ने कहा कि ट्रू़डो ने जनता को निराश किया है। अब उन्हें मौका नहीं मिलना चाहिए। ऐसे में वह सारे समझतों को रद्दी की टोकरी में फेंक रहे हैं।