Wednesday, March 12, 2025
Google search engine
Homeजुर्मगोलियों से भूना गया यह खूंखार अपराधी, 2013 में बनाया गैंग; लॉरेंस...

गोलियों से भूना गया यह खूंखार अपराधी, 2013 में बनाया गैंग; लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े थे कनेक्शन!


Last Updated:

Gangster’s Of Jharkhand: झारखंड का कुख्यात अपराधी अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. वह लॉरेंस बिश्नोई का करीबी था और 150 से ज्यादा मामलों में वांछित था. अमन जेल में रहते हुए भी गैंग चला रहा था. उसकी गिरफ्तार…और पढ़ें

X

2013

2013 में बनाया था गैंग हार्डकोर नक्सली भी रह चुका, खतरनाक इतना कि पिछले 3 सालों

हाइलाइट्स

  • अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया.
  • अमन साहू 150 से ज्यादा मामलों में वांछित था.
  • अमन साहू ने 2013 में अपना गैंग बनाया था.

रांची. झारखंड का कुख्यात अपराधी अमन साहू मंगलवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. उसे छत्तीसगढ़ के रायपुर से एनआईए केस के सिलसिले में रांची लाया जा रहा था. पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र में यह घटना हुई. इस दौरान एसटीएस (स्पेशल टास्क फोर्स) का एक जवान भी जख्मी हुआ. अमन साहू लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माना जाता था.

अमन साहू खुद तो जेल में बंद था, लेकिन वह वहीं से अपनी पूरी गैंग ऑपरेट करता था. उसकी सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 15 घंटे पहले उसके फेसबुक पेज की प्रोफाइल बदली गई थी. पिछले दिनों रांची में कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर हुई फायरिंग अमन साहू के गुर्गों ने ही करवाई थी.

150 से ज्यादा मामलों में था वांछित
अमन साहू रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था. उसके खिलाफ झारखंड में रंगदारी, हत्या और एक्सटॉर्शन समेत 150 से ज्यादा मामले दर्ज थे. एक समय में वह हार्डकोर नक्सली भी रह चुका था और 2013 में उसने अपना गैंग बनाया था. कोरबा में हुए गोलीकांड के बाद रायपुर पुलिस ने उसके चार गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया था. हाल ही में रायपुर के शंकर नगर इलाके में एक व्यापारी के घर के बाहर फायरिंग की घटना के बाद रायपुर पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की थी.

लॉरेंस बिश्नोई से थे करीबी रिश्ते
अमन साहू इन दिनों लॉरेंस बिश्नोई के काफी करीब आ गया था. वह लॉरेंस को गुर्गे सप्लाई करता था, जबकि लॉरेंस की तरफ से उसे हाईटेक हथियार दिए जाते थे. अमन का आतंक सिर्फ झारखंड तक सीमित नहीं था, बल्कि छत्तीसगढ़ और बिहार में भी उसका अच्छा खासा प्रभाव था. उसके निशाने पर अधिकतर कोयला व्यापारी ही रहते थे.

लगातार बदलती रही जेलें
अमन साहू की खतरनाक छवि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन सालों में उसे नौ अलग-अलग जेलों में रखा गया. गिरिडीह जेल में बंद रहने के दौरान उसकी जेल अधीक्षक से दुश्मनी हो गई थी. इसके बाद उसने लॉरेंस बिश्नोई के सहयोग से जेल अधीक्षक के पूरे परिवार पर हमला करवाने के लिए अपने गुर्गों को आदेश दे दिया था. हालांकि, झारखंड एटीएस ने समय रहते इन गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था.

homecrime

गोलियों से भूना गया यह खूंखार अपराधी, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े थे कनेक्शन!



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments