काजू को हम सभी एक हेल्थी स्नैक्स के रूप में जानते हैं. जिसे दिनभर एनर्जी के लिए खाया जाता है. यह न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि इसमें हेल्दी फैट्स, प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. काजू की खास बात यह है कि यह भारतीय रसोई में कई तरह के व्यंजनों का हिस्सा भी होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे घर पर भी उगाया जा सकता है.
अगर आपके पास थोड़ा सा खाली स्थान है और आप कुछ नेचुरल रूप से उगाना चाहते हैं तो काजू का पेड़ उगना एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. यह प्रक्रिया जितनी आसान है उतनी ही फायदेमंद भी होती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि घर पर काजू का पेड़ कैसे उगा सकते हैं और इसका प्रोसेस क्या है.
सबसे पहले बीज का सही चुनाव करें
काजू उगाने के लिए हमेशा ताजा और अंकुरित बीज ही लेना चाहिए. ऐसे बीज किसी नर्सरी या गार्डनिंग सप्लायर स्टोर से खरीदे जा सकते हैं. वहीं खाने के लिए उपयोग में लिए गए काजू के बीज बोने योग्य नहीं होते हैं क्योंकि उनकी बाहरी खोल पहले ही हट चुकी होती है. काजू के बीज को छूते समय दस्ताने जरूर पहनें क्योंकि इनके खोल में जलन पैदा करने वाला रसायन हो सकता है.
कैसे करें मिट्टी की तैयारी
काजू के पेड़ को रेतीली मिट्टी सबसे ज्यादा पसंद होती है. क्योंकि यह पानी को तेजी से निकाल देती है और जड़ों को सड़ने से बचाती है. काजू के पेड़ के लिए मिट्टी में गहराई 10 सेंटीमीटर तक रखिए ताकि जड़ आसानी से फैल सके. इसके अलावा अगर आप एक से ज्यादा पेड़ लगाना चाहते हैं तो उन्हें कम से कम 30 फीट की दूरी पर लगाएं.
काजू के पेड़ को कैसे मिले सही माहौल
काजू के पेड़ को गर्म जलवायु की जरूरत होती है. यह 50 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी सहन कर सकता है. लेकिन ज्यादा बारिश इसकी जड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए इसे ऐसी जगह पर लगाएं जहां हल्की-फुल्की बारिश हो. साथ ही दिन में कम से कम 6 घंटे धूप मिले. खेत, फार्म हाउस या पहाड़ी इलाकों में काजू का पेड़ लगाना सबसे अच्छा होता है यहां काजू का पेड़ अच्छे से ग्रो भी करता है.
समय से दें पानी और खाद
काजू का पेड़ लगाने के बाद शुरुआत में हर हफ्ते एक बार पानी देना जरूरी होता है. एक बार जब पेड़ बड़ा हो जाए तो गर्मियों में हफ्ते में एक बार पानी दें. इसके अलावा सर्दियों में आप काजू के पेड़ को बहुत कम पानी देंगे तो भी चलेगा. अगर आप काजू के पेड़ को खाद देना चाहते हैं तो नाइट्रोजन, जिंक और फास्फोरस वाली खाद काजू के पेड़ के लिए सबसे उपयोगी होती है.
पेड़ को सपोर्ट दें और छंटाई समय से करें
जब काजू का पेड़ छोटा हो तो उसे सीधा खड़ा रखने के लिए सबसे पहले एक स्टिक का सहारा दें. खासकर जब वह छोटा हो और हवा तेज चलती हो. इसके अलावा समय-समय पर पेड़ की सूखी और बेजान शाखाओं को काटते रहें ताकि पेड़ स्वस्थ बना रहें और अच्छी पैदावार हो.
कब और कैसे करें काजू की कटाई
जब काजू का फल गुलाबी रंग का हो जाए और उसका खोल गहरा ग्रे दिखने लगे तब समझिए कि फल तोड़ने का समय सही समय आ गया है. काजू के फल को आमतौर पर सर्दी या बारिश के समय में तोड़ा जाता है.
क्या है प्रोसेसिंग का तरीका
काजू के फल को सबसे पहले मरोड़ कर खोल से अलग किया जाता है. काजू का फल जिसे काजू एप्पल भी कहा जाता है यह भी खाने योग्य और पौष्टिक होता है. काजू के खोल काे आप 2 साल तक स्टोर करके रख सकते हैं. लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले इन्हें आग में पकाना होता है. जिससे इसके अंदर का जहरीला तेल नष्ट हो जाता है. अगर आप अपने घर पर काजू का पेड़ उगना चाहते हैं तो यह न सिर्फ हेल्दी फूड का नेचुरल सोर्स बनेगा बल्कि एक संतोषजनक अनुभव भी देगा. थोड़ी सी मेहनत और सही देखभाल से आप घर पर ही स्वादिष्ट और पौष्टिक काजू की खेती कर सकते हैं.
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