हाइलाइट्स
आपकी उम्र 40-50 साल से ज्यादा है, तो हड्डियां चटकना आर्थराइटिस का संकेत हो सकता है.
कई बार हड्डियां चटकना नॉर्मल होता है और इससे जॉइंट्स को इससे कोई नुकसान नहीं होता है.
Cracking Joints Causes: अक्सर आपने घूमते-फिरते अपनी हड्डियों के चटकने की आवाज सुनी होगी. हमारे शरीर के जॉइंट्स में से चटकने की आवाज आती है. हड्डियां चटकने के मामले युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों में देखने को मिलते हैं. उम्र बढ़ने के साथ हमारे जॉइंट्स डिजेनरेट होना शुरू हो जाते हैं और यह समस्या कॉमन हो जाती है. हालांकि यंग एज में इस तरह के संकेत दिखने से लोगों की टेंशन बढ़ जाती है. अब सवाल है कि क्या किसी भी उम्र में हड्डियां चटकने की आवाज बीमारी का संकेत हो सकती है? आखिर यह आवाज किस वजह से आती है और इस समस्या से छुटकारा पाने का तरीका क्या है. इन सभी सवालों के जवाब ऑर्थोपेडिक्स एंड स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट से जान लेते हैं.
नई दिल्ली के मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (MASSH) के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. अभिषेक बंसल के मुताबिक आमतौर पर हड्डियों का चटकना कोई बीमारी नहीं होती है और इसे नॉर्मल माना जाता है. हड्डियों के चटकने को लेकर कई थ्योरी हैं. माना जाता है कि जब जॉइंट फ्लूड के अंदर ट्रैप्ड एयर निकलती है, तब हड्डियां चटकती हैं. दूसरी थ्योरी है कि जब टेंडेन और मसल्स स्लाइड करती हैं, तब हड्डियों के चटकने की आवाज आती है. हालांकि मेडिकल साइंस में यह क्लियर है कि यह किसी बीमारी का संकेत नहीं होता है. हालांकि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में पहले जॉइंट्स नहीं चटकते थे और बाद में चटकने लगे, तो यह आर्थराइटिस या अबनॉर्मल फ्रिक्शन का संकेत हो सकता है. आमतौर पर ऐसा कार्टिलेज लॉस की वजह से होता है.
डॉ. अभिषेक बंसल के अनुसार अगर किसी को यंग एज में घुटनों के जॉइंट्स चटकने की आवाज नहीं आती थी और उम्र बढ़ने के बाद ऐसा हो रहा है, तो यह आर्थराइटिस का शुरुआती संकेत हो सकता है. इसके अलावा ऐसी आवाज कंधों के जॉइंट्स से आने लगे, तो यह लेबरल इंजरी या कंधे के खिसकने का संकेत हो सकता है. हालांकि सबसे बड़ी बात यह है कि जब किसी व्यक्ति की हड्डियां चटकने के साथ दर्द महसूस हो, तो यह बीमारी का संकेत हो सकता है.
अगर हड्डियां चटकने के वक्त किसी तरह का दर्द न हो, तो यह सामान्य बात हो सकती है. किसी भी ब्लड टेस्ट से हड्डियों के चटकने की सही वजह पता नहीं लगाई जा सकती है. किसी को परेशानी ज्यादा हो, तो एक्सरे, एमआरआई और क्लीनिकल एग्जामिनेशन के जरिए हड्डियों के चटकने की सही वजह का पता लगाया जा सकता है. इससे पता चलता है कि हड्डियों का चटकना नॉर्मल है या बीमारी है.
एक्सपर्ट की मानें तो जॉइंट्स के अंदर जो कार्टिलेज या लुब्रिकेंट होता है, वह उम्र के साथ डिजेनरेट होना शुरू हो जाता है. इसकी वजह से जॉइंट्स से आवाज आना शुरू हो जाती है. 40-50 की उम्र के बाद ऐसा हो सकता है. इस समस्या से छुटकारा पाने के 3 तरीके होते हैं. पहले तरीके में खास एक्सरसाइज या फिजियोथेरपी के साथ कुछ दवाएं दी जाती हैं, जिससे कार्टिलेज कुछ हद तक खुद को रिपेयर करता है.
अगर इससे मरीज को कोई राहत नहीं मिलती है, तो घुटने में कुछ इंजेक्शन दिए जाते हैं. इनसे कार्टिलेज रिजेनरेशन या लुब्रिकेशन का काम हो सकता है. अगर ये दोनों तरीके काम नहीं करते हैं, तो ऐसी कंडीशन में मरीज के घुटनों में सर्जिकल प्रोसेस की जाती है, जिससे परेशानी दूर हो सकती है. कार्टिलेज डिजेनरेशन को रोकने के लिए कुछ दवाएं भी होती हैं, लेकिन उनके इफेक्ट डाउटफुल हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 12, 2024, 14:02 IST