नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अधिनियम, 2023 मंगलवार को लागू हो गया. इस कानून में कश्मीरी प्रवासी समुदाय के दो सदस्यों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित समुदाय के एक व्यक्ति को जम्मू कश्मीर विधानसभा में मनोनीत करने का प्रावधान है. इसके अलावा, जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 भी लागू हो गया. इसके जरिए ‘कमजोर और वंचित वर्ग’ शब्दावली में संशोधन करके इसे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) किया गया है.
गृह मंत्रालय ने दो अलग-अलग आधिकारिक अधिसूचनाएं जारी कर इन कानूनों के लागू होने की घोषणा की. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अधिनियम, 2023 में कश्मीरी प्रवासी समुदाय की एक महिला सहित दो सदस्यों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से विस्थापित व्यक्तियों में से एक व्यक्ति को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा में मनोनीत करने का प्रावधान है.
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इस कानून में जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों, पीओके के विस्थापितों और अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया है ताकि उनके राजनीतिक अधिकारों के साथ-साथ उनके समग्र सामाजिक व आर्थिक विकास को संरक्षित किया जा सके. जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 के जरिए जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में ‘कमजोर और वंचित वर्ग (सामाजिक जातियों)’ शब्दावली को संशोधित करके अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) किया गया है, जिससे कई और समुदाय के आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2023, 23:50 IST