Thursday, June 26, 2025
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जेडीयू और टीएमसी को किसने दिए इलेक्टोरल बॉन्ड? पार्टी को नहीं पता, कहा- कोई ऑफिस में छोड़ गया


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद से इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को जारी आंकड़ों से पता चला कि चुनावी बॉन्ड खरीदने के मामले में सबसे टॉप पर रहे ‘फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज’ ने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके को सबसे अधिक 509 करोड़ रुपये दान दिए थे. वहीं चुनावी बॉन्ड के इन लाभार्थियों में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बिहार का सत्ताधारी दल जेडीयू भी शामिल है. हालांकि इन दोनों पार्टियों की दलील है कि कोई उनके पार्टी ऑफिस में सीलबंद लिफाफे दे गया था, जिसके अंदर ये इलेक्टोरल बॉन्ड्स थे और इसलिए वे इस बात से अंजान थे कि यह दान किसने दिया.

हालांकि जेडीयू ने अप्रैल 2019 में चुनावी बॉन्ड से प्राप्त 13 करोड़ रुपये में से 3 करोड़ रुपये के दानदाताओं की पहचान का खुलासा किया, लेकिन टीएमसी ने यह नहीं बताया है कि 16 जुलाई, 2018 और 22 मई, 2019 को उसे चुनावी बॉन्ड के जरिये करीब 75 करोड़ रुपये का दान किसने दिया था.

‘गुमनाम रहना चाहते हैं डोनर’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी ने 27 मई, 2019 को चुनाव आयोग को सौंपे आवेदन में कहा था, ‘इनमें से अधिकांश बांड हमारे कार्यालय में भेजे गए थे और ड्रॉप बॉक्स में डाल दिए गए थे या विभिन्न व्यक्तियों के दूतों के जरिये भेजे गए थे, जो हमारी पार्टी का समर्थन करना चाहते थे. इनमें से कई गुमनाम रहना पसंद करते हैं. इसलिए हमारे पास इन लोगों के नाम या कोई दूसरी जानकारी नहीं है.’

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वहीं जेडीयू ने 30 मई, 2019 को चुनाव आयोग को बताया था कि, ‘3 अप्रैल, 2019 को एक व्यक्ति पटना स्थित हमारे कार्यालय में आकर सीलबंद लिफाफा सौंप गया. जब इसे खोला गया, तो हमें अंदर 1-1 करोड़ रुपये मूल्य के 10 चुनावी बॉन्ड्स मिले.’ जेडीयू ने इसके साथ ही अपने निवेदन में कहा, ‘स्थिति को देखते हुए, हम दानदाताओं के बारे में और अधिक जानकारी देने में असमर्थ हैं.’

‘न जानते हैं, न जानने की कोशिश की’
जेडीयू ने इसके साथ ही बताया कि पार्टी को दानदाताओं के ब्योरे के बारे में जानकारी नहीं है और कहा, ‘न तो हम जानते हैं और न ही हमने जानने की कोशिश की है, क्योंकि जब हमें बांड प्राप्त हुए थे, तब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आया था और केवल भारत सरकार का गजट नोटिफिकेशन ही चल रहा था.’

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जेडीयू ने इलेक्टोरल बॉन्ड के दो डोनर- श्री सीमेंट लिमिटेड, अजमेर (राजस्थान) और भारती एयरटेल लिमिटेड, गुड़गांव (हरियाणा) की पहचान का खुलासा किया. पार्टी को श्री सीमेंट ने 16 अप्रैल, 2019 को 2 करोड़ रुपये का दान दिया था, वहीं भारती एयरटेल से उसे 26 अप्रैल, 2019 को 1 करोड़ रुपये का दान मिला.

जेडीयू और टीएमसी को किसने दिए इलेक्टोरल बॉन्ड? पार्टी को नहीं पता, कहा- कोई ऑफिस में छोड़ गया

दूसरी ओर, टीएमसी ने किसी भी दानकर्ता की पहचान का खुलासा नहीं किया. लेकिन पार्टी ने बताया कि पहचान भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी किए गए यूनीक नंबर वाले चुनावी बॉन्ड की मदद से पता की जा सकती है. इसमें कहा गया है, ‘हम यह भी समझते हैं कि चुनावी बॉन्ड योजना के अनुसार, एसबीआई इन बांडों का एकमात्र जारीकर्ता है और जिन लोगों को बॉन्ड जारी किए गए थे, उन्होंने अपने पैन कार्ड, पहचान प्रमाण, पते के प्रमाण सहित केवाईसी दस्तावेज जमा कर दिए हैं. इसलिए, बैंक के पास उन सभी बांड धारकों का पूरा विवरण है, जिन्होंने हमें बांड दान किए हैं.’

Tags: Election commission, Electoral Bond, Jdu, Supreme Court, TMC



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