Wednesday, June 18, 2025
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झमाझम बारिश से झूमेंगे किसान! इस साल फसलों से भर जाएंगे भंडार, इतने पर्सेंट होगी बढ़ोतरी



<p style="text-align: justify;">देश में इस साल अच्छी बारिश हो रही है. इससे किसानों की फसल अच्छी होगी और देश में अनाज का उत्पादन बढ़ेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल कृषि उत्पादन में 5% की बढ़ोतरी हो सकती है.</p>
<p style="text-align: justify;">नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने कहा है कि इस वर्ष अभी तक सामान्य से 2% अधिक बारिश होने से इस वित्तीय वर्ष में कृषि उत्पादन में करीब 5 फीसदी की वृद्धि होगी, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1.4% थी. इससे दालों सहित कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है, जो पिछले कई महीनों से उच्च स्तर पर बनी हुई हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">मिंट की रिपोर्ट के अनुसार रमेश चंद ने कहा कि कृषि उत्पादन में मजबूत वृद्धि के लिए सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत है. जिससे दालों की खुले बाजार में कीमत समर्थन मूल्य से नीचे ना आएं. जो किसानों को सहारा देने के लिए निर्धारित की जाती हैं. दालों की अधिक मूल्यों के चलते बीते दिनों में स्थानीय कीमतों को कम करने के लिए कई प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सकारात्मक संकेत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एक्सपर्ट रमेश चंद ने कहा कि साल 2023-24 में कृषि उत्पादन में 1.4% की वृद्धि हुई, जो सात साल से अधिक 5% की औसत वृद्धि के बाद हुई है. उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत एक प्रमुख संस्थान, राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएपी) के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है. उन्होंने कहा कि उनके अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि उत्पादन में 5% से अधिक की वृद्धि होनी चाहिए. अब तक खरीफ सीजन के संकेत सकारात्मक हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये हैं जरूरी बातें</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रमेश चंद ने अपने इंटरव्यू में कहा कि आने वाले 10 सालों के लिए कृषि में वृद्धि दर को अच्छी आर्थिक बढ़ोतरी के लिए सालाना 5% पर बनाए रखने की जरूरत है. कुछ सालों में वृद्धि दर करीब 4 फीसदी या उससे भी नीचे आ सकती है. खरीफ सीजन जून-जुलाई में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होता है और सितंबर-अक्टूबर में समाप्त होता है. ये किसानों की आय, खपत और समग्र आर्थिक वृद्धि को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ला नीना अगस्त में सक्रिय</strong></p>
<p style="text-align: justify;">1 जून से 26 जुलाई के बीच भारत में सामान्य से 2% अधिक बारिश हुई है. कुछ हिस्सों में थोड़ी कमी है, लेकिन अगस्त में पूरी होने की उम्मीद है. रमेश चंद ने मिंट से कहा कि सामान्य से अधिक बारिश को 96% से 104% तक की बारिश माना जाता है. ला नीना अगस्त में सक्रिय रहेगी, जिससे सामान्य से अधिक बारिश होगी. इससे उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी राज्यों में बारिश की किसी भी कमी की भरपाई होनी चाहिए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- <a href="https://www.abplive.com/agriculture/national-agriculture-market-know-all-about-it-enam-license-2750872">किसान घर बैठे बेच सकते हैं अपनी उपज, जानें क्या है e-NAM</a></strong></p>



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