हाइलाइट्स
अपराध एवं संप्रदायिक रूप से अत्यंत संवेदनशील है बिहार का यह अनुमंडल.
गृह विभाग के आदेश से इस अनुमंडल में अब दो एसडीपीओ की होगी तैनाती.
एसडपीओ-1-एसडीपीओ-2 नाम से जाने जाएंगे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी.
गोपालगंज. बिहार सरकार की गृह विभाग ने गोपालगंज में सदर अनुमंडल को अपराध एवं संप्रदायिक रूप से अत्यंत संवेदनशील माना है. साथ ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पास मानक से अधिक थानों का पर्यवेक्षण करने का रिपोर्ट आया है, जो राष्ट्रीय पुलिस आयोग के मानक के अधिक है. तमाम रिपोर्ट के बाद गृह विभाग ने सदर अनुमंडल में एक और एसडीपीओ का पद सृजित करते हुए तैनाती करने की अधिसूचना जारी की है. गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सदर अनुमंडल में एक और एसडीपीओ की तैनाती होगी.
एसडीपीओ-1 और एसडीपीओ-2 के नाम से दोनों पदाधिकारी जाने जाएंगे. दोनों एसडीपीओ के बीच सदर अनुमंडल के अंतर्गत आनेवाले थानों का बंटवारा होगा. फिलहाल सदर एसडीपीओ प्रांजल के पास साइबर थाना को छोड़कर कुल 14 थानों का पर्यवेक्षण कार्य है. पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात का कहना है कि एक अनुमंडल में दो-दो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों के रहने से अपराध में कमी आएगी और मुकदमों का त्वरित गति से निष्पादन होगा. वहीं, व्यवसायियों और आम लोगों ने गृह विभाग के फैसले पर खुशी जाहिर की है.
अपर एसडीपीओ का पद एसडीपीओ में प्रत्यावर्तित
गोपालगंज में सदर अनुमंडल में अपर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का पद था, जिसे गृह विभाग की ओर से अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में प्रत्यावर्तित किया गया है. अपर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में यहां बिहार पुलिस सेवा आयोग और भारतीय पुलिस सेवा आयोग के कई पदाधिकारी सेवा दें चुके हैं. हाल ही में आइपीएस विनय तिवारी एएसपी के रूप में सदर अनुमंडल में तैनात थें. गृह विभाग ने माना है कि सदर अनुमंडल का क्षेत्र अपराध एवं संप्रदायिक रूप से अत्यंत संवेदनशील है.
राष्ट्रीय पुलिस आयोग के मानक के अधिक था लोड
राष्ट्रीय पुलिस आयोग द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार एक अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नियंत्रण में तीन थानों और प्रतिवर्ष 1200 कांडों के पर्यवेक्षण का मानक निर्धारित है. वर्तमान में एक अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा 2693 कांडों का पर्यवेक्षण किया जाता है, जो राष्ट्रीय पुलिस आयोग के मानक से अधिक है. गोपालगंज में सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के जिम्मे 14 थाना के कांडों का पर्यवेक्षण करना है, इनमें बैकुंठपुर, महम्मदपुर, सिधवलिया, बरौली, माधोपुर ओपी, मांझा, नगर थाना, महिला थाना, अनुसूचित जाति/जनजाति थाना, जादोपुर, विशंभरपुर, कुचायकोट, गोपालपुर और थावे थाना का पर्यवेक्षण का कार्य था, जो काफी अधिक है.
अपराध में आएगी कमी, त्वरित मिलेगा न्याय
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने कहा कि सदर अनुमंडल में दो अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती से अपराध पर अंकुश लगेगा, साथ ही मुकदमों के निष्पादन में तेजी आएगी और दोषियाें को कम समय में सजा मिलेगी. सदर अनुमंडल में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी फर्स्ट और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सेकेंड के रूप में दोनों को जाना जाएगा. फर्स्ट के रूप में पहले से कार्यरत हैं प्रांजल त्रिपाठी और सेकेंड अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को गृह विभाग की ओर से पोस्टिंग की जाएगी.
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Tags: Bihar News
FIRST PUBLISHED : February 24, 2024, 22:37 IST