रूपांशु चौधरी/हजारीबाग. सर्दी का मौसम चरम पर है. ठंड के दिनों में लोग आमतौर पर बचने के लिए घरों में अंगीठी, अलाव, रूम हीटर का प्रयोग करते हैं, ताकि शरीर गर्म रहे. लेकिन ये सभी चीजें कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाती हैं, जिससे लोगों को ऑक्सीजन की कमी या दम घुटने से जान भी चली जाती है. ऐसा ही एक मामला बीते गुरुवार को हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के सिरसी गांव में सामने आ चुका है.
यहां 4 युवकों की मौत जहरीली हवा से हो गई थी. साथ ही 3 लोग घायल भी हो गए. यह सभी 7 युवक एक ही कमरे में सोए हुए थे और ठंड से बचने के लिए कमरे में ही अंगीठी जला रखी थी. सभी युवक बिहार के बक्सर के रहने वाले थे. हजारीबाग के सिरसी गांव में एक किराए के मकान में रहकर एक कंपनी में सेल्समेन का काम करते थे. इससे पूर्व में भी हजारीबाग शहरी क्षेत्र के रोमी में एक परिवार के तीन लोगों की जान सोते समय अंगीठी का प्रयोग करते हुए जहरीली गैस से हो गई थी.
यह गैस है जहरीली
इस संबंध में शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह ने बताया कि ठंड के दिनों में कमरे को गर्म करने के लिए कोयला, अंगीठी, गोइठा, ब्लोअर और हीटर का प्रयोग जानलेवा साबित हो सकता है. कोयला अंगीठी और गोइठा जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है. कार्बन मोनोऑक्साइड फेफड़ों के लिए काफी घातक होती है, जिससे लोगों की जान जाने की संभावना बन जाती है. वहीं ब्लोअर और हीटर के उपयोग से कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है.
बंद कमरे में न करें ऐसी गलती
आगे बताया कि पूर्व के समय में लोग मिट्टी के घरों में रहा करते थे, जिसमें हवा जाने और आने के लिए काफी जगह रहती थी. लेकिन, सीमेंट के घरों में वेंटिलेशन की सुविधा नहीं होने के कारण हीटर या अंगीठी कमरे में जलाने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं. बंद कमरे में रूम हीटर या अलाव नहीं जलाना चाहिए. इसमें लोगों की जागरूकता की बहुत जरूरत है. अगर लोग चौक चौराहा पर इन सभी चीजों को लेकर बात करेंगे तो ऐसी अप्रिय घटना फिर नहीं घटेगी.
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FIRST PUBLISHED : December 23, 2023, 06:01 IST