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Cyber Fraud: वर्तमान समय डिजिटल का है और यह फायदेमंद होने के साथ नुकसानदेह भी है. जरा सी लापरवाही आपको साइबर ठगी का शिकार बना देगा. साइबर ठगी के कई ट्रेंड चल रहे हैं और लोग झांसे में आकर शिकार हो रहे हैं. डिजिट…और पढ़ें

साइबर फ्रॉड की प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए सतर्क रहें.
- अनजान कॉल्स पर निजी जानकारी साझा न करें.
- साइबर फ्रॉड की शिकायत 1930 पर दर्ज करें.
जहानाबाद. डिजिटल युग में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. अलग-अलग हथकंडे अपना साइबर अपराधी बच्चे, बुजुर्ग और युवा का बैंक अकाउंट्स खाली कर रहे हैं. इस तरह के मामले ने स्मार्टफोन और इंटरनेट उसे करने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है, क्योंकि हर दिन साइबर अपराधी अलग-अलग जुगाड़ से लोगों को फंसा कर पैसे गायब कर रहे हैं.
ऐसे में आज हम जानेंगे कि कितने तरीके से अभी साइबर क्राइम हो रहे हैं? सबसे ज्यादा ट्रेंड में क्या है? इससे बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए? या फिर यदि घटना घट जाए तो क्या करें, इस पूरे मामले को जहानाबाद साइबर डीएसपी रेणु कुमारी से पूरी बात समझते हैं.
क्या है डिजिटल अरेस्ट, कैसे रहें सुरक्षित?
साइबर डीएसपी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट आज का रिसेंट ट्रेंड है. इस केस में सामान्यतः अपराधी सीबीआई, जज और पुलिस वाला बनकर कॉल करता है. वह आपके सामने प्रॉपर यूनिफॉर्म में बैठा रहता है. इस दौरान वह कहेंगे कि आपके खिलाफ केस दर्ज हुई है. आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और किसी दूसरे मामले में दर्ज किया गया है. ऐसे में आपको यदि आपका नाम इस केस से हटाना है तो इस दौरान आपसे फिर पैसों की मांग की जाएगी. फिर वह बताएगा आपका केस हम प्रायरिटी लेवल पर लड़ेंगे. इसी बीच आपको डिजिटली अरेस्ट करके पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं. ऐसे में आप इन सबसे बचने के लिए यही कहना चाहूंगी कि कोई भी पुलिस वाला आपको वीडियो कॉल नहीं करेगा. साथ ही डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं है. पुलिस कभी भी आपको डिजिटली अरेस्ट नहीं करेगी.
ये भी है साइबर फ्रॉड का तरीका?
साइबर डीएसपी के मुताबिक, आज कल बिजली विभाग, बैंक, ट्रेजरी ऑफिस फ्रॉड के केस सामने आने लगे हैं. इस दौरान फोन कॉल्स किए जाएंगे, कर्मी बनकर आपको काल आयेगा या बैंक कर्मी बनकर केवाईसी डिटेल्स मांगा जाता है. ऐसे में जैसे ही आप डिटेल्स शेयर करते हैं तो आपका ATM ब्लॉक हो जायेगा. बिजली के नाम पर आपसे यह कहेगा कि आपका बिजली कनेक्शन कट जाएगा. यदि कोई टीचर्स रिटायर्ड हो चुके हैं, उनको फोन कॉल्स कर पेंशन कट होने की जानकारी दी जाती है. इसी कड़ी में उनसे साइबर अपराधी डिटेल्स मांग लेते हैं और फिर पैसे गायब कर दिए जाते हैं.
क्या है इन्वेस्टमेंट फ्रॉड?
साइबर डीएसपी ने कहा कि इस समय इन्वेस्टमेंट फ्रॉड भी बढ़ गया है. इसमें ज्यादा युवा इन्वॉल्व्ड हो रहे हैं. इस केस में पहले आपको कुछ पैसे इन्वेस्ट करने को कहा जाता है. इसी के बदले उन्हें डबल, ट्रिपल पैसे देने का भरोसा साइबर फ्रॉड देते हैं. इसी में जब वह फंसते हैं तो उन्हें फिर मोटी रकम लगाने को कहा जाता है और पैसे ले लेने के बाद उनका पैसा वापस नहीं किया जाता है. इसके बाद जिस भी ग्रुप में वह जुड़े होते हैं, उससे उन्हें रिमूव कर दिया जाता है. जैसे ही रिमूव किया जाता है, उसके बाद उससे कॉन्टैक्ट आपका नहीं हो पाता है.
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?
साइबर डीएसपी रेणु कुमारी के अनुसार, साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जो उपाय हैं, वह कुछ इस तरह हैं. अकाउंट्स बनाने पर लॉगिन आईडी और पासवर्ड स्ट्रांग रखें. कुछ कॉम्प्लेक्स रखें, ताकि जब आपका कोई उसे यूज करना चाहे तो वो ओपन नहीं हो. साथ ही अपनी निजी जानकारी को सोशल मीडिया शेयर करने से बिल्कुल बचें. इसके अलावा टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन का यूज जरूर करें. इसके अतिरिक्त किसी अननोन सोर्स से कोई सा लिंक शेयर किया जाए तो उस पर क्लिक करने से बिल्कुल बचें. ओटीपी, पासवर्ड और CVV नंबर बिल्कुल शेयर ना करें.
साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाने पर क्या करें?
यदि आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं तो इस स्थिति में सबसे पहले 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें. इसके अलावा साइबर विभाग के अधिकारिक पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करें. जितनी जल्दी आप इस केस को दर्ज करेंगे, उसमें यह चांस रहता है कि आपके पैसे वापस मिल जाए. इसके अलावा भी आप साइबर थाना या नज़दीकी थाना में शिकायत कर सकते हैं.
Jehanabad,Bihar
February 23, 2025, 12:41 IST