Friday, June 20, 2025
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तानाशाह मुसोलिनी की पोती ने छोड़ी पीएम मेलोनी की पार्टी, लगाया धुर दक्षिणपंथी होने का इल्जाम


इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की पोती ने गुरुवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली छोड़ रही हैं क्योंकि यह बहुत ज्यादा ही दक्षिण पंथी है। रोचेले मुसोलिनी इटली के एक शहर में पार्षद है। 2021 के चुनाव में उन्होंने पूरे शहर में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए थे। सामाचार एजेंसी से बात करते हुए रोचेल ने कहा कि वह सिटी हाल में सेन्टरिस्ट पार्टी फोर्जा इटालिया में शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि यह एक नया अध्याय खोलने और एक ऐसी पार्टी में शामिल होने का समय है जो कि मुझे लगता है कि मेरी उदारवादी और मध्यमार्गी संवेदनाओं के ज्यादा करीब हो।

मेलोनी की पार्टी और मेलोनी पर अति दक्षिण पंथी पार्टी होने का आरोप लगता रहा है। उनकी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली की जड़ें मुसोलिनी के खिलाफ हुए आंदोलन के बाद बचे फासीवादी उत्ताराधिकारियों से जुड़ी हुई हैं। 2022 में सत्ता संभालने के पहले और उसके बाद के मेलोनी के बयानों में यह अंतर साफ देखा जा सकता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके बयानों की तीव्रता में कमी आई है और उन्होंने अपनी पार्टी को मध्यमार्गी दिखाने की कोशिश की है। लेकिन इस पर मेलोनी के आलोचकों का कहना है कि उन्होंने खुद को मध्यमार्गी दिखाने का केवल दिखावा किया है। पार्टी ने अप्रवासी लोगों, गर्भपात नियम, सम लैंगिक पालन-पोषण पर पार्टी के सख्त रुख और सेरोगेट मदर के लिए सजा को और कड़ा करना, यही इस पार्टी का असली चेहरा है और यही इनका चरित्र है।

रोचेल मुसोलिनी जिस पार्टी में खुद जाने के लिए कह रही है वह भी मेलोनी की गठबंधन सरकार का हिस्सा है। फोर्जा इटालिया भी खुद को पारंपरिक ईसाई मूल्यों की रक्षा करने वाली पार्टी के रूप में खुद को प्रदर्शित करती है। लेकिन उसको नागरिक अधिकारों पर अधिक उदारवादी के रूप में देखा जाता है।

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, मुसोलिनी का पार्टी छोड़ने का फैसला उनके मानवीय अधिकारों के मुद्दे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले महीने उन्होंने इटली की एंजेला कैरिनी के खिलाफ लड़ने वाली अल्जीरियाई मुक्केबाज इमाने खलीफ के लिंग विवाद में मेलोनी के साथ यह मुद्दा उठाया था। अल्जीरिया की मुक्केबाज खलीफी के खिलाफ इटली की मुक्केबाज कैरिनी के समर्थन में मेलोनी ने कहा था कि यह बराबरी का मैच नहीं था क्योंकि अलजीरियाई खिलाड़ी पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में लिंग पर पात्रता परीक्षण में फेल हो गई थीं। इसके बाद मुसोलिनी ने लोगों के अधिकारों के लिए आगे बढ़कर लड़ाई लड़ने का फैसला लिया।



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