चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में चुनावी दंगल तेज हो गया है. आंध्र प्रदेश से अलग होकर बने तेलंगाना में एक ही चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं और 119 सीटें विधानसभा में हैं. एक ही दिन यहां की सभी 17 सीटों पर मतदान होगा. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. पिछले 2019 के चुनाव में भी तेलंगाना में एक ही चरण में वोट डाले गए थे.
तेलंगाना इस समय चर्चा के केंद्र में बना हुआ है. इसकी वजह ये है कि भारतीय जनता पार्टी इसी राज्य से दक्षिण भारत में घुसपैठ करने की फिराक में है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए को इस बार लोकसभा चुनावों में तेलंगाना से बहुत उम्मीद है. लेकिन तेलंगाना में राजनीतिक समीकरण रोजाना ही बदल रहे हैं. चुनावों से पहले पार्टी छोड़ अन्य दल में शामिल होने का सिलसिला तेज हो गया है. आलम ये है कि जो भी दल जिस बड़े नेता पर दांव लगा रहा है, वही पार्टी छोड़ता नजर आ रहा है.
बीआरएस को झटका
लोकसभा चुनाव से पहले शनिवार को तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति-बीआरएस को झटका देते हुए चेवेल्ला से पार्टी के मौजूदा सांसद रंजीत रेड्डी और खैरताबाद से विधायक डी. नागेंद्र राव कांग्रेस में शामिल हो गए. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की मौजूदगी में दोनों कांग्रेस में शामिल हुए. वारंगल से सांसद पसुनूरी दयाकर भी सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. इससे पहले जहीराबाद और नगरकुरनूल से बीआरएस सांसद बीबी पाटिल और पी. रामुलु बीजेपी में शामिल हुए थे.
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बीजेपी को झटका, कांग्रेस भारी
लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा से एक दिन पहले तेलंगाना में बीजेपी नेता एपी जितेंद्र रेड्डी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. जितेंद्र रेड्डी पूर्व सांसद हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत में लगातार रैलियां कर रहे हैं. इस बार उनका सारा फोकस दक्षिण भारत की सीटों पर है. दक्षिण भारत की बात करें तो केरल और तमिलनाडु में बीजेपी का कोई सांसद नहीं है. हालांकि तेलंगाना में 2019 के चुनाव में बीजेपी के खाते में चार सीटें आई थीं. लेकिन यहां विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिले बड़े बहुमत के कारण कांग्रेस की स्थिति और मजबूत हुई है.
तेलंगाना में पिछले साल दिसंबर में ही विधानसभा चुनाव हुए थे. 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस 64 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. के. चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति- बीआरएस के खाते में 39 सीटें आई थीं. हालांकि पिछली लगातार दो विधानसभाओं में बीआरएस की सरकार थी. भारतीय जनता पार्टी को 8 सीटें और एआईएमआईएम को 7 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस के ए रेवंत रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
जी. किशन रेड्डी के हाथों बीजेपी की नैया
तेलंगाना में बीजेपी की कमान केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी के हाथ में है. उन्हें विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी की कमान सौंपी गई थी. गंगापुरम किशन रेड्डी को किशन अन्ना भी कहते हैं. वे सांसद बनने से पहले तीन बार विधायक रहे हैं. उन्होंने जनता पार्टी से जुड़कर अपने राजनीति जीवन की शुरूआत की थी. कुछ समय बाद वे बीजेपी से जुड़ गए.
हालांकि कुछ सर्वे में तेलंगाना में बीजेपी की स्थिति मजबूत दिखा रहे हैं. यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है. कांग्रेस के 7 सीटें और बीजेपी को 8 सीटें मिल सकती हैं. दो सीटें बीआरएस के खाते में जाने की बात कही जा रही है. बीजेपी ने हैदराबाद से माधवी लता को उतारा है.
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
पिछले लोकसभा चुनाव में यहां बीआरएस ने 9 सीटें जीती थीं. बीजेपी के खाते में चार सीटें आई थीं. कांग्रेस को तीन सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा था. एआईएमआईएम को एक सीट मिली थी.
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FIRST PUBLISHED : March 17, 2024, 19:45 IST