नई दिल्ली: दिल्ली सरकार बनाम एलजी मामले में एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक ओर जहां दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को हिदायत दी है, वहीं एलजी को नसीहत. सुप्रीम कोर्ट ने ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल से हलफनामा मांगा और कहा कि अगर एलजी से गलती हुई है तो हम कहते हैं कि एलजी को हर मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री हमें घुमा रहे हैं तो हम असाधारण जुर्माना लगाएंगे. मामले की सुनवाई के दौरान एलजी की ओर से पेश सीनियर वकील संजय जैन ने कहा कि यह पूरी तरह से दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय का मामला है और एलजी किसी भी फंड में बाधा नहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली एलजी पर योजना के लिए भुगतान को रोकने के बारे में शिकायत करते हुए एक याचिका दायर की गई है.

‘दिल्ली सरकार पर लगाएंगे जुर्माना’
एलजी की ओर से पेश ASG संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में एलजी को बेवजह पक्षकार बनाया है. हकीकत तो ये है कि इस स्कीम के फंड रिलीज को लेकर एलजी को कुछ लेना देना नहीं है. हेल्थ मिनिस्टर के नेतृत्व में एक सोसायटी को इस पर फैसला लेना होता है. 2 जनवरी को हेल्थ मिनिस्टर की अध्यक्षता में सोसायटी की मीटिंग हुई है, जिसमें इस स्कीम के तहत फंड रिलीज करने का फैसला लिया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी से कहा कि वो इस बारे में दो हफ्ते में हलफनामा दायर करें. अगर ये बात सही पाई जाती है तो हम दिल्ली सरकार पर इस याचिका को दाखिल करने के लिए भारी जुर्माना लगाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 08:40 IST