Thursday, June 26, 2025
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दुकान पर खोया-पनीर लेने जाएं तो शुद्धता का कैसे पता लगाएं? एक्सपर्ट ने बताई काम की बात


दीपक पाण्डेय/खरगोन. होली नजदीक है. ऐसे में घरों में गुजिया-पापड़ बनने का सिलसिला शुरू हो चुका है. होली पर सबसे फेवरेट डिश गुजिया बनाने के लिए खोए की जरूरत होती है, जिसकी खूब खरीदारी होती है. इसके अलावा पर्व पर लोग पनीर की सब्जी भी बनाते हैं. लेकिन, हर साल मिलावटी खोए और पनीर की वजह से लोग बीमार भी पड़ते हैं.

इस बार ऐसा न हो, इसके लिए थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. घर में त्योहार या कार्यक्रम में मिठाई बनाने के लिए सबसे पहले मावा की ही जरूरत पड़ती है. इसी प्रकार खास सब्जी बनाने के लिए पनीर की भी खूब बिक्री होती है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जिस खोवा या पनीर को दुकान से खरीदकर लाएं हैं, वह कितना शुद्ध है? बाजार में इन दिनों मिलावटी खोवा-पनीर की खूब कालाबाजारी हो रही है.

कैसे बनता है नकली खोया और पनीर
लगभग 20 वर्षों का अनुभव रखने वाले खरगोन के देवेंद्र कुशवाहा ने local 18 को बताया कि बाजार में कई तरह के मिलावटी खाद्य सामग्री बेची जा रही है. सबसे ज्यादा मिलावट दूध, खोया और पनीर में ही होती है. दुकानदार खोवा बनाने के लिए दूध की जगह शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदे का इस्तेमाल करते हैं. सफेद करने के लिए केमिकल भी मिलाते हैं. इसी प्रकार पनीर बनाने के लिए दुकानदार दूध से क्रीम निकाल लेते हैं. फिर दूध को गाढ़ा करने के लिए अरारोट मिलाते हैं.

शुद्ध खोया की पहचान
1 – शुद्ध यानी असली असली खोवा से धीमी-धीमी खुशबू आती है
2- शुद्ध मावा थोड़ा घी छोड़ता है. मावे को अपने हाथों पर रगड़ें. अगर घी निकले तो शुद्ध मावा है.
3- शुद्ध मावा मुंह में घुल जाता है, चिपकता नहीं है.
4- शुद्ध मावा रगड़ने पर टूटता नहीं, लेकिन मिलावटी मावा रगड़ने पर बिखर जाता है.
5- मावा में थोड़ी चीनी डालकर गर्म करें. थोड़ी देर बाद अगर ये पानी छोड़ने लगे तो मावा में मिलावट है.
6- शुद्ध मावा पानी में आसानी से घुल जाता है. मिलावटी मावा पानी में घुलने में थोड़ा समय लेता है.

शुद्ध पनीर की पहचान
1- पनीर का टुकड़ा हाथ से मसल कर देखें. अगर यह टूटकर बिखरे तो समझ लीजिए मिलावटी है.
2- पनीर को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें. इसके बाद उस पर कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें. अगर पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए यह मिलावटी है.
3- नकली पनीर ज्यादा टाइट होता है, जो खींचने पर रबर की तरह होता है.

ग्राहकों की लगती है भीड़
बता दें कि 37 साल के देवेंद्र कुशवाह विगत 20 वर्षों से खोवा और पनीर बनाने का काम कर रहे हैं. पहले वह अन्य दुकान पर मावा और पनीर बनाने थे. बाद में खुद की दुकान शुरू कर दी. शहर में सनावद रोड पर गौरव दूध डेयरी के नाम से उनकी दुकान संचालित है. लगभग 10 वर्षों से वह यहां खुद का बनाया 100 फीसदी शुद्ध खोया और पनीर बेच रहे हैं. साथ ही दूध, दही, श्रीखंड, घी, चक्का, मक्खन भी बनाते हैं.

कमाते हैं 40,000 महीना
देवेंद्र बताते हैं कि अन्य जगह 6000 रुपए महीने में काम करते थे. फिर खुद की दुकान खोली. शुद्ध मावा, पनीर सहित दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ खिलाते हैं. यही वजह है कि ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. अब महीने का लगभग 40,000 रुपए कमाते हैं. एक दिन में 40 किलो खोवा और इतना ही पनीर बिक जाता है. ऑर्डर पर बनाकर अलग देते हैं. 550 लीटर दूध की रोजाना खपत है.

Tags: Adulteration, Food 18, Health News, Holi, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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