Friday, June 27, 2025
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दुनिया में हर तीसरा शख्स इस बीमारी का शिकार ! मौत और लकवा की बन रही वजह, WHO के आंकड़ों से बड़ा खुलासा


हाइलाइट्स

पिछले कुछ सालों में डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ी है.
स्ट्रोक, माइग्रेन समेत तमाम न्यूरोलॉजिकल कंडीशन मौत की वजह बन रही हैं.

New Lancet Neurology Research: विश्व में बीमारियों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. हर साल कोई न कोई नई बीमारी पैदा हो जाती है, जो लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में 300 करोड़ से ज्यादा लोग न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे हैं. अगर आसान भाषा में समझें तो हर तीसरा शख्स न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम का शिकार हो चुका है. द लैंसेट न्यूरोलॉजी की नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इस रिसर्च के डाटा एनालिसिस में अहम भूमिका निभाई है. दोनों संस्थाओं की मानें तो साल 2021 में दुनिया भर में 3 बिलियन से अधिक लोग न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस के साथ जिंदगी जी रहे हैं.

न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस दुनिया भर में खराब स्वास्थ्य और विकलांगता का प्रमुख कारण हैं. न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस के कारण होने वाली विकलांगता, बीमारी और समय से पहले मौतों की संख्या में 1990 के बाद से अब तक 18% की वृद्धि हुई है. चिंता की बात यह है कि 80% से अधिक न्यूरोलॉजिकल मौतें कम आय वाले देशों में होती हैं. हाई इनकम देशों में निम्न और मध्यम आय वाले देशों की तुलना में प्रति 1 लाख लोगों पर 70 गुना अधिक न्यूरोलॉजिकल प्रोफेशनल्स होते हैं. साल 2021 में सबसे कॉमन न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस में स्ट्रोक, नियोनेटल एन्सेफैलोपैथी, माइग्रेन, डिमेंशिया, डायबिटिक न्यूरोपैथी, मेनिनजाइटिस, मिर्गी, समय से पहले जन्म से न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर और नर्वस सिस्टम कैंसर शामिल हैं.

इस रिसर्च में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई हैं. इसमें पता चला है कि न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक विकलांगता और बीमारियों का कारण बनती हैं. हालांकि माइग्रेन या डिमेंशिया जैसी कुछ कंडीशंस में महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं. 1990 के बाद से न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के मरीजों और इससे मरने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. चिंता की बात यह है कि विश्व में डायबिटिक न्यूरोपैथी सबसे तेजी से बढ़ने वाली न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है. 1990 के बाद से वैश्विक स्तर पर डायबिटिक न्यूरोपैथी से पीड़ित लोगों की संख्या 3 गुना से अधिक हो गई है. साल 2021 में डायबिटिक न्यूरोपैथी के मरीजों की संख्या बढ़कर 206 मिलियन हो गई है. डायबिटिक न्यूरोपैथी डायबिटीज के मरीजों को होने वाली एक समस्या है, जिसमें शरीर की नसें डैमेज हो जाती हैं.

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Tags: Health, Lancet, Lifestyle, WHO



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