Sunday, February 23, 2025
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नहीं देखा होगा चोरों का ऐसा गैंग, मोबाइल टावर से करते थे ऐसी ‘खुराफात’, इमरजेंसी सेवाएं ही हो जाती थी बंद


हाइलाइट्स

दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टावर गिरोह के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
मोबाइल टावर के साथ ये गिरोह जो करता था, उससे इमरजेंसी सेवाएं ही हो जाती थी बंद.

नई दिल्‍ली. दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मोबाइल टॉवर की रेडियो रिमोट यूनिट को चुराने वाले बड़े गैंग का भंडाफोड किया है. दो गैंग लीडर और उनके 13 साथियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों में नामी टेली कम्युनिकेशन कंपनी में काम करने वाले मोबाइल टॉवर टेक्नीशियन और स्क्रैप डीलर शामिल हैं. वो मिलकर अब तक 250 से ज्यादा चोरियां कर चुके हैं. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा के मोबाइल टावर उपकरण, 33 आरआरयू, 20 बीबीयू, 15 जियो की पावर बैटरी, 20 बंडल केबल, 2 आरएसपी, रेडियो यूनिट बरामद किए.

टावरों के इन महत्वपूर्ण पार्ट्स के चोरी होने के बाद इमरजेंसी सेवाओं को कॉल नहीं जाती थी, जिसकी वजह से टॉवर के आसपास के लोगों को परेशानी होती थी. क्राइम ब्रांच के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में मोबाइल टावर उपकरणों की चोरी के 63 मामलों का खुलासा किया गया. क्राइम ब्रांच की टीमों ने अलग-अलग ऑपरेशन में कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों की गिरफ़्तारी से कुल 33 RRU (रेडियो रिमोट यूनिट बहुत महंगी कीमत वाली), 20 BBU, 15 JIO बैटरी, दो RSP कार्ड, 12 हाई-टेक हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर उपकरण और 20 बंडल टावर केबल बरामद हुए हैं और दिल्ली-एनसीआर में दर्ज चोरी के 17 मामलों का खुलासा हुआ है. अपराध में शामिल एक फोर्ड फिगो कार और एक स्कूटी भी बरामद की गई है.

मोबाइल कंपनी ने की थी शिकायत 
दरअसल एयरटेल के राष्ट्रीय नोडल अधिकारी ने देश के अलग अलग हिस्सों में स्थापित मोबाइल टावरों से बड़ी संख्या में आरआरयू, बीबीयू और उससे संबंधित सामान चोरी होने की सूचना दी. इन महंगे पार्ट्स की चोरी से ग्राहकों को कॉल करने और इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने में परेशानी हो रही थी. क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस केस में 2 लोग इस गैंग को ऑपरेट कर रहे थे, इनके नाम नाजिम और सलमान हैं. पता चला कि वे अलग-अलग राज्यों के अलग-अलग लोगों से चोरी की गई आरआरयू/बीबीयू खरीदते थे और उन्हें दिल्ली के रोहिणी स्थित अपने गोदाम में छिपा देते थे. इसके बाद वे इन सामानों को ऊंचे दामों पर दूसरे लोगों को बेच देते थे.

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रोहिणी में था गैंग का गोदाम
क्राइम ब्रांच की टीम के इंस्पेक्टर शिवराज बिष्ट को इन्पुट मिला था कि सनी राजपूत नाम का एक शख्स मोबाइल टावर से चुराए गए RRU पार्ट्स लेकर उत्तम नगर मेट्रो स्टेशन पर आएगा. जिसके बाद डीसीपी अमित गोयल और एसीपी रमेश लांबा की देखरेख में टीम बनाकर जाल बिछाकर सनी और सलमान को पकड़ा. उनसे पूछताछ हुई जिसके बाद सलमान की रोहिणी स्थित दुकान पर छापा मारा गया, जहां से चोरी के कई महंगे मोबाईल टावर के पार्ट्स बरामद हुए.

यूपी से भी हुई गिरफ्तारियां 
फिर सलमान से पूछताछ में नाजिम नाम के युवक को यूपी के मुजफ्फरनगर से पकड़ा, जो एक स्क्रैप डीलर था. जिसके बाद उनसे पूछताछ हुई तो एक के बाद एक कई नाम सामने आए. जांच के दौरान आरोपी नाजिम ने खुलासा किया कि वह चोरी की गई आरआरयू/बीबीयू नदीम और इजहार और उसके भाई मोहम्मद नईम को बेचता था. इसके अलावा नाजिम की निशानदेही पर मोहम्मद नईम को मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया गया और आरोपी मोहम्मद नईम की निशानदेही पर 6 आरआरयू और 12 बीबीयू और JIO कंपनी की 5 बैटरियां बरामद की गईं.

नहीं देखा होगा चोरों का ऐसा गैंग, मोबाइल टावर से करते थे ऐसी 'खुराफात', इमरजेंसी सेवाएं ही हो जाती थी बंद

मोबाइल टावर का चुराते थे कीमती पार्ट 
फिर आरोपियों से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की. पूछताछ के दौरान आरोपी सनी राजपूत ने खुलासा किया कि वह एयरटेल कंपनी का कर्मचारी है और आरआरयू और बीबीयू को इंस्टॉल और अनइंस्टॉल करने में माहिर है. वह अपने अन्य कर्मचारियों महेंद्र, मोरपाल, इरफान के साथ मिलकर दिल्ली में अलग अलग मोबाइल नेटवर्क टावरों पर लगे लाइन केबल के साथ-साथ आरआरयू/बीबीयू की चोरी करता था, ताकि आसानी से और मोटी रकम कमा सके.

Tags: Crime Branch, Crime News, Delhi police, Mobile tower



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