Saturday, June 28, 2025
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नाथद्वारा श्रीनाथजी लहरिया और बंधेज ही नहीं कई तरह के वस्त्र धारण करते हैं, साटन और जरी भी है ड्रेस में शामिल


निशा राठौड़.

उदयपुर. देशभर में जन-जन के आराध्य देव मेवाड़ के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथ की पूजा अर्चना का तौर तरीका काफी ज्यादा अलग है. पुष्टिमार्गीय वैष्णव संप्रदाय यहां भगवान कृष्ण की पूजा श्रीनाथजी के रूप में करते हैं. यहां भगवान की अलग-अलग समय पर भगवान की पूजा अलग-अलग रूप की जाती है. सुबह उठने के साथ ही भगवान के बाल स्वरूप की पूजा होती है. इसके साथ ही इनकी देखरेख का तरीका भी अलग-अलग होता है.

यहां मौसम और ऋतु के अनुसार भगवान का श्रृंगार भी काफी ज्यादा बदल जाता है. नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर में कपड़ों की सेवा करने वाले सेवादारों ने बताया कि यहां पर चैत्र माह से फाल्गुन माह तक भगवान के अलग-अलग वस्त्र बनाए जाते हैं. यह सभी कार्य मंदिर के सेवा द्वारा ही किया जाता है. नाथद्वारा में भगवान श्री कृष्ण के लिए अलग-अलग वस्त्र बनाए जाते हैं.

चैत्र, वैशाख और सावन माह में भगवान को सूती वस्त्र पहनाए जाते हैं. उसके बाद के महीनों में भगवान को साटन और जरी वाले वस्त्र पहने जाते हैं. भगवान के लिए लहरिया और बंधेज की ड्रेस भी अलग-अलग मौके पर तैयार की जाती है. भगवान के इन सभी वस्त्रों को बनाने का कार्य मंदिर के वस्त्र विभाग की ओर से ही किया जाता है. अन्य किसी व्यक्ति द्वारा यह सेवा नहीं की जा सकती. मंदिर में बनने वाले सभी वस्त्र मंदिर के लोगों द्वारा ही तैयार किए जाते हैं.

आप भी कर सकते हैं भगवान श्रीनाथजी के लिए वस्त्र सेवा
अगर कोई सेवक भगवान श्रीनाथजी के लिए वस्त्र बनवाना चाहता है तो वह मंदिर कार्यालय में संपर्क कर अपनी श्रद्धा के अनुसार भगवान के लिए वस्त्र तैयार करवा सकता है. अलग-अलग ऋतुओं और पर्वों के अनुसार ही भगवान श्रीनाथजी के वस्त्र तैयार होते हैं. यह सभी कार्य मंदिर के वस्त्र सेवादार ही करते हैं.

श्रीनाथजी श्रद्धालुओं को दिनभर में आठ बार दर्शन देते हैं
उल्लेखनीय है कि नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर की ख्याति न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी है. भारतीय मूल के कई लोग ऐसे हैं जिनकी श्रीनाथ में अगाध श्रद्धा है. वे जब-जब अपने देश की धरती पर आते हैं तो श्रीनाथजी के दर्शन जरुर करते हैं. श्रीनाथजी का यह मंदिर मेवाड़ के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में स्थित है. यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है. श्रीनाथजी श्रद्धालुओं को दिनभर में आठ बार दर्शन देते हैं. हर बार उनको अलग-अलग तरह का भोग लगाया जाता है.



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