नई दिल्ली. दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ. दरअसल सदन की विशेष बैठक बुलाई तो गई थी की स्टैंडिंग कमेटी गठित ना होने के कारण जो काम अटके पड़े है उन्हें करवाने के लिए जब तक स्टैंडिंग कमेटी बन नही जाती तब तक के लिए उसकी शक्तियां दिल्ली नगर निगम के सदन को दे दी जाए लेकिन हालात ऐसे बने की सदन की बैठक शुरू कर पाना ही मुश्किल हो गया. जैसे ही मेयर अपनी कुर्सी पर आई भाजपा पार्षद अपनी सीट पर बैठने की बजाए मेयर की टेबल पर खड़े नजर आए.
हंगामा यही नहीं रुका ,सदन ना चल पाए इसके लिए भाजपा पार्षद सीधे निगम सचिव शिवाप्रसाद के. वी के दफ्तर जा पहुंचे और उन्हें अंदर बंद कर बाहर धरने पर बैठ गए इन भाजपा पार्षदों का आरोप है कि सदन में गलत तरीके से आम आदमी पार्टी स्टैंडिंग कमेटी की शक्तियां स्थांतरित करना चाहती है, जो गैरकानूनी है. इसके विरोध स्वरूप ही उनका ये हंगामा जारी है. सत्तासीन आदमी पार्टी ने भाजपा पार्षदों के हंगामे को लोकतंत्र की हत्या की संज्ञा दे दी. आम आदमी पार्टी का आरोप है की दिल्ली वालों के हित के काम सदन में होने थे, जिसके चलते यह सदन की विशेष बैठक बुलाई गई थी लेकिन भाजपा के हंगामा के चलते दिल्ली के लोगो के हितों के काम नहीं हो पा रहे है.
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10 महीने से लंबित है स्थायी समिति का पुर्नगठन
यह पहला मौका नहीं है जब सदन की बैठक में आम आदमी पार्टी और भाजपा के पार्षद आमने-सामने हो. सदन की पहली बैठक में ही पार्षदों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी और वहां से शुरू हुई हंगामा की यह कड़ी अभी भी लगातार जारी है. विपक्षी पार्षद महापौर शैली ओबेरॉय की मेज पर चढ़ गए और उन्होंने सदन में कागजात फाड़ दिए। 18 सदस्यीय स्थायी समिति का पुनर्गठन पिछले 10 महीनों से लंबित है. ओबेरॉय के सदन में प्रवेश करते ही विपक्षी सदस्यों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ ‘संविधान की हत्या बंद करो’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए. प्रस्ताव के कागज फाड़ दिए और फटे टुकड़ों को हवा में फेंक दिया.

क्या है विपक्ष की मांग?
विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने सत्तारूढ़ आप की आलोचना करते हुए कहा कि स्थायी समिति की शक्तियां सदन को सौंपना अमान्य और असंवैधानिक है। कहा कि सदन स्थायी समिति की शक्तियां नहीं ले सकता क्योंकि दिल्ली नगर निगम अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं। स्थायी समिति के पुनर्गठन में देरी से एमसीडी के कई प्रस्ताव लंबित हैं। नियमों के मुताबिक 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव बिना कमेटी की मंजूरी के पास नहीं हो सकते.
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FIRST PUBLISHED : January 15, 2024, 19:54 IST