Tuesday, June 17, 2025
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नितिन गडकरी की तरह आप भी उगा सकते हैं एक किलो का प्याज और आलू, जानें क्या है मल्चिंग पेपर तकनीक



<p>केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी कंचन गडकरी ने खेती की दुनिया में एक नई और प्रेरणादायक मिसाल पेश की है. उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर जिले के धापेवाड़ा गांव में स्थित अपने "भक्ति फार्म" में एक खास तकनीक अपनाकर 800 ग्राम से लेकर 1 किलो तक के जैविक प्याज का सफल उत्पादन किया है. ये प्याज न सिर्फ आकार में बड़े हैं, बल्कि पूरी तरह जैविक भी हैं, जो आज के समय में स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद अहम माने जाते हैं.</p>
<p>इस अनोखी खेती की झलक खुद नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो के जरिए साझा की है. करीब 2 मिनट 40 सेकंड के इस वीडियो में फार्म की झलकियों के साथ-साथ बड़े-बड़े प्याज भी दिखाई दे रहे हैं. गडकरी ने बताया कि उन्होंने 2.5 किलो प्याज के बीज से एक एकड़ खेत में उत्पादन शुरू किया और पहले 45 दिन तक प्याज की नर्सरी तैयार की गई.</p>
<p><strong>क्या है मल्चिंग पेपर तकनीक?</strong></p>
<p>इस खेती में कंचन गडकरी ने "मल्चिंग पेपर" तकनीक का इस्तेमाल किया, जो मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद करती है. इसमें खेत की मिट्टी को जैविक प्लास्टिक या पॉलिथीन जैसी चादर से ढक दिया जाता है. इससे नमी जल्दी नहीं उड़ती और सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है. इसके साथ ही खरपतवार (जंगली घास) नहीं उगती, जिससे पौधों को ज्यादा पोषण मिलता है. मल्चिंग से मिट्टी ठंडी या गर्म बनी रहती है, जो प्याज जैसी फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है.</p>
<p><strong>उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल</strong></p>
<p>फार्म पर पौधों को वेल-बेड में ट्रांसप्लांट किया गया और डबल ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाया गया, जिससे हर पौधे को बराबर पानी मिले. इसके साथ ही बायो-ऑर्गेनिक खाद भी डाली गई, जिससे प्याज की ग्रोथ बेहतर हो सके और पौधे मजबूत बनें.</p>
<p><strong>किसानों के लिए एक नई राह</strong></p>
<p>कंचन गडकरी का यह जैविक प्रयोग सिर्फ एक फार्म का काम नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानों के लिए एक नई दिशा दिखाता है. नितिन गडकरी ने कहा कि यह तकनीक देशभर के किसानों को अपनानी चाहिए, जिससे वे कम खर्च में ज्यादा और अच्छी क्वालिटी का उत्पादन कर सकें.</p>
<p><strong>कहां से मिलेगी मदद?</strong></p>
<p>अगर किसान भी इस तकनीक को अपनाना चाहते हैं तो वे नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं. यहां से उन्हें मल्चिंग पेपर तकनीक, जैविक खेती, सब्सिडी और ट्रेनिंग की पूरी जानकारी मिल सकती है.</p>
<p><strong>यह भी पढ़ें- <a title="जून में आ सकती है पीएम किसान निधि की अगली किस्त, जानें कैसे चेक कर सकते हैं लिस्ट में अपना नाम" href="https://www.abplive.com/agriculture/pm-kisan-scheme-know-how-to-check-name-in-the-list-next-installment-soon-2953031" target="_self">जून में आ सकती है पीएम किसान निधि की अगली किस्त, जानें कैसे चेक कर सकते हैं लिस्ट में अपना नाम</a></strong></p>



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