Delhi Police: लगभग रोती-बिलखती हुई हालत में एक महिला दिल्ली के पुल प्रह्लादपुर पुलिस स्टेशन पहुंचती है. बड़ी मुश्किल से यह महिला पुलिस को बता पाती है कि वह अपनी दो भतीजियों और सात माह के बच्चे साथ घर से चिकन खरीदने के लिए निकली थी. अपराह्न करीब 3.30 बजे एमबी रोड – सूरजकुंज क्रॉसिंग पर खड़ी दो महिलाएं उससे पिज्जा खिलाने की जिद करने लगती हैं.
इसमें एक महिला की उम्र करीब 30-35 वर्ष के बीच और दूसरी की उम्र करीब 20-22 वर्ष के बीच थी. चूंकि, दोनों महिलाएं बेहद गरीब और भूखी नजर आ रही थी, लिहाज वह दोनों को पास की शॉप में पिज्जा दिलाने चली गईं. इसी बीच, बड़ी महिला शिकायतकर्ता के सात माह के बेटे को गोद में लेकर खिलाने लगी. बच्चे को कुछ देर खिलाने के बाद महिला बोली कि वह बच्चे को फ्रूटी दिला कर आती है.
शिकायतकर्ता महिला ने पहले इस महिला को फ्रूटी दिलाने को मना किया, लेकिन जब वह जिद करने लगी तो वह मान गई. जिसके बाद, यह महिला सात महीने के बच्चे को लेकर वहां से निकल गई. कुछ समय के बाद, दूसरी महिला भी बहाने से निकलने में सफल रही. लंबे इंतजार के बाद भी जब दोनों महिलाएं उसके बच्चे को लेकर वापस नहीं आईं, तो वह पिज्जा शॉप से बाहर आईं, लेकिन वहां कोई नहीं था.
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर शुरू की बच्चे की तलाश
दक्षिण पूर्वी दिल्ली के डीसीपी राजेश देव के अनुसार, शिकायतकर्ता महिला ने आसपास तमाम दुकानो में दोनों महिलाओं और अपने बच्चे को खोजने की कोशिश की, लेकिन तब तक दोनों महिलाएं बच्चे को लेकर वहां से जा चुकी थी. आखिर में परेशान होकर शिकायतकर्ता महिला पुल प्रह्लादपुर पुलिस स्टेशन पहुंच गई. शिकायतकर्ता की पूरी बात सुनने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 363 के तहत एफआईआर दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी.
आसपास के राज्यों में पुलिस ने शुरू की बच्चे की तलाश
डीसीपी राजेश देव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पड़ोसी राज्यों सहित सभी पुलिस स्टेशनों को अपहृत बच्चे के बारे में सूचित कर दिया गया. साथ ही, बच्चे की तलाश के लिए पुल प्रह्लादपुर पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस कर्मियों की छह क्रैक टीम बनाई गईं, जिसमें इंस्पेक्टर संजय दहिया के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुनील कुमार चंदोलिया, एसआई अभिषेक शर्मा, एसआई घनश्याम, एसआई कुमेर सिंह भी शामिल थे.
सीसीटीवी फुटेज में नजर आई अपहरणकर्ता महिलाएं
सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की पड़ताल के दौरान पुलिस टीम को अपहृत हुए बच्चे के साथ दोनों महिलाएं नजर आ गई. आसपास के लोगों आईर ई-रिक्शा चालकों से पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों महिलाएं फरीदाबाद के लकड़पुर दयाल बाग की रहने वाली है. इस जानकारी के मिलते ही दिल्ली पुलिस की एक टीम फरीदाबाद के लिए रवाना हो गई. लेकिन, बताए गए पते न ही दोनों महिलाएं मिली और न ही अपहृत बच्चा.
गिरफ्त में आई अपहरण करने वाली दूसरी महिला
फरीदाबाद पहुंची पुलिस को दोनों महिलाएं तो नहीं मिली, लेकिन आसपास के लोगों से बातचीत करने पर दोनों की न केवल पहचान हो गई, बल्कि दोनों का मोबाइल नंबर भी मिल गया. इन मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर पुलिस ने दूसरी महिला को बदरपुर बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में इस महिला ने बताया कि पहली महिला उसकी मां है और उसने बच्चे को गोविंदपुरी के नवजीवन कैंप में रहने वाले अपने भाई सुनील को सौंप दिया है.
गिरफ्त में आया तीसरा आरोपी, लेकिन नहीं मिला बच्चा
गिरफ्त में आई महिला से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने गोविंदपुरी के नवजीवन कैंप में छापेमारी की, तब तक सुनील बच्चे को लेकर वहां से निकल चुका था. मोबाइल लोकेशन के जरिए पुलिस को पता चला कि सुनील लख्मी नगर के ललिता पार्क इलाके में है. जिसके बाद, पुलिस ने छापेमारी कर लक्ष्मी नगर से सुनील को तो गिरफ्तार कर लिय, लेकिन अपहृत हुआ सात माह का बच्चा अभी भी पुलिस को नहीं मिला.
आरोपी सुनील से मिला बच्चे का आखिरी सुराग
सुुनील की गिरफ्तारी के बाद उससे सघन पूछताछ शुरू की गई. पूछताछ में सुनील ने बताया कि उसने अपहृत बच्चे को गोविंदपुरी इलाके में एक दंपति को बेच दिया था. जिसके बाद, पुलिस ने गोविंदपुरी इलाके में छापेमारी कर इस दंपति को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही, इस दंपति के पास से सात माह के बच्चे को सकुशल छुड़ा लिया गया है. डीसीपी राजेश देव के अनुसार, इस मामले में अब तक कुल पांच गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिसमें तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं.
12 घंटे के भीतर परिजनों को मिला अपना बच्चा
डीसीपी राजेश देव के अनुसार, इस मामले में बच्चे का अपहरण करने वाली दोनों महिलाओं सहित कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें बच्चा खरीदने वाले शख्स की पहचान मुकेश के रूप में हुई है. इस तरह, पुलिस ने 12 घंटे की लंबी जद्दोजहद के बाद सात माह के अपहृत बच्चे को उसके परिजनों से सकुशल मिलवा दिया है.
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FIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 05:52 IST