भारत के दो प्रमुख पड़ोसियों की हालत एक जैसी होती नजर आ रही है। पाकिस्तान पहले से ही वर्ल्ड बैंक से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है कि कैसे भी करके आईएमएफ या वर्ल्ड बैंक उसे कुछ कर्जा दे दे।अब हालिया समय में सत्ता परिवर्तन देखने वाला बांग्लादेश भी उसी लाइन में खड़ा हुआ नजर आ रहा है। हिंसक प्रदर्शनों के बाद हुए तख्ता पलट से बांग्लादेश के आर्थिक हालात बिगड़ गए हैं। पिछले सालों में कई न्यूज एजेंसियों के मुताबिक बांग्लादेश दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था थी और अब हालत यह है कि बांग्लादेश की अंतिरम सरकार ने वर्ल्ड बैंक से 1 बिलियन डॉलर की मदद देने की गुहार लगाई है। बांग्लादेश सरकार में सलाहकार फौजुल कबीर खान ने बुधवार को वर्ल्ड बैंक के बांग्लादेश और भूटान के निदेशक अब्दुलाए सेक के साथ हुई मीटिंग में 1 बिलियन डॉलर की मदद देने की गुहार लगाई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सेक के साथ हुई मीटिंग में फौजुल ने कहा कि पुरानी सरकार के दौर में हुए बिजली और ऊर्जा आयातों का करीब 2 बिलियन डॉलर से अधिक बकाया है। अंतरिम सरकार पर सबसे पहले उस कर्जे को चुकाने का दबाव है। फौजुल ने कहा कि हमने पिछली सरकार की गलत गतिविधियों के तहत बनाई गई नीतियों को निलंबित कर दिया है। लेकिन कर्ज किसी सरकार का नहीं होता वह देश का होता है। हमें ऊर्जा क्षेत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए करीब 1 बिलियन डॉलर की जरूरत है। हालांकि वर्ल्ड बैंक की तरफ से इस पर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।
इससे पहले, करीब दो महीने तक चले छात्रों के प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपना देश और सत्ता छोड़नी पड़ी थी और भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में सेना की देख-रेख में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। इस सरकार का प्रमुख हसीना के कट्टर विरोधी नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बनाया गया। बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद वहां हिंदुओं के ऊपर हमले तेज हो गए। भारतीय सरकार ने इस पर अपनी चिंता भी जाहिर की। हजारों की संख्या में हिंदू भारतीय सीमा पर आकर खड़े हो गए। बीएसएफ ने उन्हें समझा बुझाकर वापस बांग्लादेश भेजा।
बांग्लादेश से हसीना के बाहर हो जाने के बाद उनकी प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंदी खालिदा जिया को जेल से बाहर निकाल लिया गया और हसीना के ऊपर लगातार नए-नए केस दायर होते रहे। हाल में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना के ऊपर अभी तक कुल मिलाकर 31 केस दर्ज किए जा चुके हैं। खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने भारत सरकार से अपील की है कि वह शेख हसीना को एक अच्छे पड़ोसी होने के नाते बांग्लादेश को प्रत्यर्पित कर दें, जिससे बांग्लादेश में उनके खिलाफ मुकदमें चलाए जा सकें और उन्हें सजा दी जा सके।